वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद भी कोरोना किसी की जान ले सकता है? वैक्सीन कंपनियों की ओर से इसका जवाब ना में दिया जा रहा है, लेकिन कर्नाटक में एक ऐसे पुलसकर्मी की मौत हुई है, जो टीके की दोनों खुराक ले चुका था। मंगलुरू पुलिस कमिश्नर की ओर से किए गए इस दावे के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या वैक्सीन भी कोरोना से जान बचाने की 100 फीसदी गारंटी नहीं है।
वैक्सीन कंपनियों की ओर से कहा जा रहा है कि दोनों टीके लगने के बाद कोरोना होने की संभावना बेहद कम हो जाती है और यदि संक्रमण हो भी जाए तो बीमारी गंभीर नहीं हो पाती है, अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आती है। भारत में अभी जिन दो वैक्सीन का प्रयोग टीकाकरण के लिए किया गया है, उनका दावा है कि ये गंभीर बीमारी से बचाने में 100 फीसदी प्रभावी है। हालांकि, कोरोना के अलग-अलग स्ट्रेन पर इनका प्रभाव अलग-अलग है और इनपर शोध जारी है।
मंगलुरू पुलिस कमिश्नर शशि कुमार ने शुक्रवार को कहा, ''एक पुलिस कॉन्स्टेबल जिसका दो सप्ताह से कोरोना का इलाज चल रहा था, आज मल्टी ऑर्गन फेल्योर (कई अंगों का काम नहीं करना) की वजह से उसकी जान चली गई है। वह वैक्सीन की दोनों डोज ले चुका था।