चोरी के आरोप में पुलिस ने किया उत्पीड़न, बच्चों समेत परिवार ने की आत्महत्या
चोरी के आरोप में पुलिस ने किया उत्पीड़न, बच्चों समेत परिवार ने की आत्महत्या
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : आंध्र प्रदेश में पुलिस अत्याचार की एक और घटना सामने आई है, जहां तीन नवंबर को कुरनूल में पन्यम रेलवे स्टेशन के पास 4 सदस्यों वाले एक पूरे परिवार ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी. मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल थे. पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर उस परिवार ने यह खौफनाक कदम उठाया. इस वारदात ने राज्य सरकार को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. विपक्षी दल इस घटना का विरोध में प्रदर्शन का आह्वान कर रहे हैं.
इस खौफनाक सामूहिक आत्महत्या कांड के बाद पीड़ित परिवार का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें पीड़ित ऑटो चालक और परिवार के मुखिया अब्दुल सलाम ने नंदयाल शहर के पुलिस निरीक्षक सोमशेखर रेड्डी और कांस्टेबल गंगाधर पर उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया है. एक चोरी मामले में पुलिस उसकी जांच कर रही थी.
चोरी के दो मामलों में अब्दुल सलाम का नाम डाला गया था. उसी के नाम पुलिस उसका उत्पीड़न कर रही थी. ऑटो चलाने से पहले अब्दुल सलाम ने नंदयाल के रोजकुंटा इलाके में एक आभूषण की दुकान पर काम किया था. उस पर दुकान से 3 किलो सोना चुराने का आरोप था. पुलिस ने सलाम को गिरफ्तार कर लिया लेकिन बाद में वह जमानत पर छूटकर बाहर आ गया था.
करीब एक हफ्ते पहले सलाम के ऑटो में सवारी करने वाले एक यात्री ने 70,000 रुपये की चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी. इसी के आधार पर पुलिस ने ऑटो चालक को पकड़ा था. आरोप है कि पुलिस ने अब्दुल सलाम को खूब पीटा और अपमानित किया. बेइज्जती और पुलिस की फटकार के डर से अब्दुल सलाम और उसके परिवार ने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया.
उनकी मौत के बाद सामने आए अंतिम वीडियो में अब्दुल सलाम कर रहा है, "मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. मेरा चोरी से कोई लेना-देना नहीं है. मैं अब यातना नहीं सह सकता. कोई हमारी मदद नहीं करेगा. इसीलिए कम से कम मौत हमें मन की शांति दिलाएगी."
वीडियो बनाने के बाद ही अब्दुल सलाम (45), उनकी पत्नी नूरजहां (38), बेटी सलमा (14) और बेटे कजालंदर (10) ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली. इस घटना से सूबे में सियासी तूफान आ गया. सीएम वाई जगनमोहन रेड्डी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आरोपी इंस्पेक्टर सोमशेखर रेड्डी और हेड कांस्टेबल गंगाधर को निलंबित करने के साथ-साथ गिरफ्तार कर लिया गया.
इस मामले की जांच के लिए आईजीपी सांचा बराता बागची और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरिफ हफीज को विशेष जांच अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है. राज्य के पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग ने कहा कि इस मामले में यदि कोई दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. चाहे वो कोई भी हो.
इस बीच टीडीपी ने मृतक के परिवार के सदस्यों के लिए इंसाफ की मांग करते हुए 'चलो नंदयाल' का आह्वान किया है. टीडीपी का आरोप है कि सरकार वित्तीय सहायता देकर अपनी ज़िम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही थी. दोषियों को बचा रही थी. मगर उस परिवार की कोई सुध नहीं ली, जिस परिवार के सदस्यों ने असहनीय उत्पीड़न के कारण अपना जीवन समाप्त कर लिया.
टीडीपी ने आरोप लगाया कि पिछले 18 महीनों में पुलिस अत्याचार बढ़ गए हैं. कई पुलिस कर्मियों को रेत और शराब की तस्करी में शामिल पाया गया. पूर्वी गोदावरी में एक पुलिस स्टेशन के अंदर एक दलित युवक का मार डाला गया. अब पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर एक पूरे परिवार ने कुरनूल में जान दे दी. इस दौरान सोमवार को अदालत ने दोनों अभियुक्तों को जमानत दे दी. राज्य प्रशासन ने 'जमानत रद्द करने की याचिका' दायर की है. आशंका है कि जेल से बाहर आने वाले आरोपी अधिकारी गवाहों को डरा धमका सकते हैं. ऐसे में वे गवाही कैसे देंगे.