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एक मशीन और केमिकल की सहायता से सिलिकॉन पर उसका क्लोन तैयार कर लेते.
लखनऊ: लखनऊ की विभूतिखण्ड पुलिस (Lucknow Police) ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है जो लोगों के नकली अंगूठे बनाकर उनके बैंक खाते (Bank Account) साफ कर रहा था. गैंग के सदस्य भूलेख वेबसाइट से लोगों के मकान, फ्लैट या खेती की जमीन की रजिस्ट्री डाउनलोड कर लेते थे. इन दस्तावेजों से जालसाजों को लोगों का आधार कार्ड, अंगूठे के निशान और बैंक खाते मिल जाते थे. शातिर जालसाज बटर पेपर पर अंगूठे के निशान का प्रिंट निकलते. फिर एक मशीन और केमिकल की सहायता से सिलिकॉन पर उसका क्लोन तैयार कर लेते.
जालसाजों को सम्बंधित व्यक्ति की रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेजों में दर्ज उसके बैंक खाते की जानकारी भी होती थी इसलिए किसी भी जन सुविधा केंद्र जाकर नकली अंगूठे के जरिये उसका खाता साफ कर देते थे. इसके लिए जालसाज ऐसे जन सुविधा केंद्र चुनते थे, जहां आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम की सुविधा होती थी. जालसाज गैंग लोगों के खातों की रकम फर्जी आईडी से बनाये गए ई-वालेट में ट्रांसफर करते थे और बाद में रुपये निकालकर ऐश करते थे.
पुलिस ने जालसाजों के पास से 100 से ज्यादा नकली अंगूठे, बायोमीट्रिक स्कैनर, केमिकल, कम्प्यूटर, लैपटॉप, करीब 3 लाख रुपये नकद समेत अन्य सामान बरामद किया है. एडीसीपी नार्थ एसएम कासिम आब्दी ने बताया कि पकड़े गए शातिर गोरखपुर के राजेश राय, राहुल कुमार राय और रामसरन गौड़ हैं. तीनों ने गोरखपुर के ही समीर कुमार की कम्पनी एचपीएस इंफोर्मेटिक के नाम से भी एक ई-वालेट बनाकर रकम उड़ाई थी. समीर ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसकी जांच में तीनों का नाम सामने आया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
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