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पत्रकारों को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया, मिला ये जवाब
jantaserishta.com
6 March 2024 5:14 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
सूत्रों ने कहा कि पत्रकारों से खबर के स्रोत के बारे में पूछताछ की जाएगी।
नई दिल्ली: दिल्ली के चार चैनलों के पत्रकारों को झारखंड पुलिस ने तलब किया है। यह एक्शन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले में लिया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि पत्रकारों ने शुरू में 29 जनवरी को सोरेन के दिल्ली आवास से ईडी द्वारा बीएमडब्ल्यू कार और 36 लाख रुपये नकद जब्त किए जाने की खबरें चलाई थीं।
सूत्रों ने कहा कि पत्रकारों से खबर के स्रोत के बारे में पूछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा कि समन पिछले महीने किसी समय जारी किए गए थे। सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले, 31 जनवरी को, रांची पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि ईडी ने उन्हें और उनके पूरे समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के लिए 29 जनवरी को दिल्ली में उनके आवास पर सर्च अभियान चलाया था। सोरेन ने अपनी शिकायत में लिखा है कि ईडी के अधिकारियों ने तमाशा बनाने और 'जनता की नजरों में उनकी बदनामी करने' के लिए सर्च को लेकर मीडिया को सूचित किया था।
रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने कहा, 'हमने चार मीडिया चैनलों न्यूज18, जी न्यूज, आज तक और न्यूज 24 के पत्रकारों को समन जारी किया है। हमने उनसे जांच के लिए रांची आने को कहा है। हालांकि, उन्होंने जवाब दिया है कि वे नहीं आ सकेंगे। इसलिए हम उनके पास जायेंगे।' जब सिन्हा से समन के विषय के पीछे के कारण के बारे में पूछे गया तो उन्होंने कहा, 'यह एक चल रही जांच है और हम ज्यादा विवरण नहीं बता सकते हैं।'
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एफआईआर एससी/एसटी अधिनियम की धारा 3(1) (पी) (झूठी, दुर्भावनापूर्ण या कष्टप्रद कानूनी कार्यवाही शुरू करना), (आर) (जानबूझकर अपमान करना या सार्वजनिक कानून के भीतर किसी भी स्थान पर अपमानित करने की धमकी देना), (एस) (सार्वजनिक दृष्टि से किसी भी स्थान पर जाति के नाम से गाली देना), (यू) (शत्रुता, घृणा या दुर्भावना की भावनाओं को बढ़ावा देना) के तहत दर्ज की गई थी। इसमें ईडी के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा और दो अन्य अधिकारियों - अनुमान कुमार और अमन पटेल और अन्य अज्ञात अधिकारियों का नाम शामिल है।
सोरेन ने कहा था कि जब वह रांची पहुंचे तो देखा कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में खबर चल रही थी कि नई दिल्ली में झारखंड भवन और शांति निकेतन में तलाशी अभियान चलाया गया है। सोरेन ने कहा कि ऐसा उन्हें और उनके पूरे समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के लिए किया गया है। सोरेन द्वारा 31 जनवरी को दर्ज की गई शिकायत में कहा गया, 'मीडिया में निम्नलिखित स्थान पर ीक गई कवरेज...अनुसूचित जनजाति सदस्य के रूप में मेरे खिलाफ की गई है।'
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