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ठगबाज बिल्डर की 116 करोड़ की संपत्ति पुलिस ने किया कुर्क

Nilmani Pal
6 July 2022 1:59 AM GMT
ठगबाज बिल्डर की 116 करोड़ की संपत्ति पुलिस ने किया कुर्क
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यूपी। कंपनी बनाकर लोगों से जमीन के क्रय-विक्रय के नाम पर ठगी करने वाले रोहतास बिल्डर की 116 करोड़ की संपत्ति को लखनऊ पुलिस ने कुर्क कर लिया है. इसके साथ ही रोहतास बिल्डर्स के मालिक परेश रस्तोगी सहित सभी निदेशकों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है. हजरतगंज और गौतम पल्ली थाने की संयुक्त टीम ने अचल संपत्ति को चिन्हित कर इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के समक्ष नोटिस चस्पा करते हुए प्रॉपर्टी को कुर्क करने की कार्रवाई की. ये कार्रवाई करीब तीन घंटे तक चली. पुलिस ने 14 जून को संपत्ति कुर्क करने का नोटिस चस्पा किया था. रोहतास ग्रुप के सभी निदेशकों की संपत्तियों को संबद्ध कर दिया था. 21वें दिन बाद कुर्की की कार्रवाई शुरू की गई.

लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि रोहतास बिल्डर्स के मालिक परेश रस्तोगी सहित सभी निदेशकों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है. साथ ही 116 करोड़ 23 लाख से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि रोहतास प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाकर लोगों से जमीन के क्रय-विक्रय के नाम पर ठगी करने वाले रोहतास प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के मालिक और निदेशकों ने अरबों की संपत्ति अर्जित कर ली थी.

इसमें लखनऊ के राणा प्रताप मार्ग स्थित कैलाश बिल्डिंग के एस ट्राइडेंट बिल्डिंग, लखनऊ के महानगर स्थित बादशाह नगर मेट्रो स्टेशन के राइट साइड की बिल्डिंग, राजा राममोहन राय मार्ग के पास पशुपति अपार्टमेंट, कुर्सी रोड के जेनेसिस क्लब के नाम से कंस्ट्रक्शन और भूखंड के अलावा, 4 गाड़ियां जिसमें फोर्ड फिगो, हुंडई एक्सेंट, स्कोडा और फोर्ड फिस्ता के साथ ही हजरतगंज के एसबीआई और एचडीएफसी बैंक खातों में जमा रकम शामिल है. पुलिस ने सभी संपत्ति को कुर्क कर लिया है. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि परेश रस्तोगी के खिलाफ लखनऊ के विभूतिखंड, गौतमपल्ली, चिनहट और गोसाईगंज में लगभग 82 मुकदमे दर्ज हैं.

लखनऊ पुलिस आयुक्त ध्रुवकांत ठाकुर ने बताया कि परेश रस्तोगी ने 2007 में अपराध जगत में प्रवेश किया था. वह पहले जमीन और बिल्डिंग की खरीद-फरोख्त का काम करता था. अपराध से कमाए गए पैसे को बचाने के लिए आरोपी ने रोहतास प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी. इसके बाद आरोपी ने अपने परिजनों के पक्ष में संपत्ति खरीदने का काम शुरू किया. आरोपी ने आवासीय और कमर्शियल बिल्डिंग बनाकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया.

इसके जरिए आरोपी ने धोखाधड़ी और ठगी का रास्ता अपनाया और आम लोगों से करोड़ों रुपए ठग लिए. इतना ही नहीं आरोपी ने लोगों को कमर्शियल और आवासीय बिल्डिंग भी उपलब्ध नहीं कराईं. जब लोगों ने पैसे लौटाने की मांगी तो आरोपी ने दबंग रवैया अपनाते हुए उनको धमकाकर चुप करा दिया. इसके बाद पीड़ितों ने परेश रस्तोगी के खिलाफ लखनऊ के अलग-अलग थानों में कुल 82 मुकदमे दर्ज कराए.


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