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पुलिस ने जाल बिछाकर सिमी के सदस्य को 22 साल बाद दबोचा, जानें कैसे हुआ गिरफ्तार?

Bharti Sahu 2
25 Feb 2024 11:45 AM GMT
पुलिस ने जाल बिछाकर सिमी के सदस्य को 22 साल बाद दबोचा, जानें कैसे हुआ गिरफ्तार?
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सांकेतिक तस्वीर

पुलिस की टीम पिछले चार साल से हनीफ का पीछा कर रही थी.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने महाराष्ट्र के भुसावल से सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) से जुड़े आपराधी हनीफ शेख को गिरफ्तार कर लिया है. ये दहशतगर्द पिछले 22 साल से फरार था. पुलिस की टीम पिछले चार साल से हनीफ का पीछा कर रही थी.
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र के भुसावल से प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य हनीफ शेख को 22 साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. वह साल 2001 में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में दर्ज यूएपीए और राजद्रोह मामले में आरोपी था और पिछले 22 साल से फरार था. इसी मामले में ट्रायल कोर्ट ने उसे साल 2002 में भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था. टीम हनीफ का पिछले 4 साल से उसका पीछा कर रही थी.
पुलिस ने बताया कुछ दिनों पहले सूचना मिली थी कि हनीफ शेख उर्फ हनीफ हुंडई ने अपनी पहचान बदलकर मोहम्मद के रूप में कर ली है और अब वो महाराष्ट्र के भुसावल में एक उर्दू स्कूल में शिक्षक के रूप में काम कर रहा है. इसके बाद एक टीम को वहां तैनात कर आशा टावर, खड़का रोड, भुसावल महाराष्ट्र के पास जाल बिछाया.
टीम ने 22 फरवरी को लगभग दो बजकर 50 मिनट पर मोहम्मदीन नगर से खड़का रोड की ओर आ रहे एक संदिग्ध व्यक्ति की पहचान हनीफ शेख के रूप में हुई. इसके बाद टीम ने आरोपी को घेर लिया, लेकिन आरोपी ने भागने की कोशिश की और हाथापाई के बाद टीम ने उसे पकड़ लिया. एफआईआर नंबर 532 दिनांक 28.09.2001 यू/एस 153ए/153बी/120बी/34/174ए आईपीसी और 3 आर/डब्ल्यू 10/13/17/20 यू.ए.पी एक्ट पीएस न्यू फ्रेंड्स के मामले में कानून की उचित धारा के तहत गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने हनीफ की तलाश में देश के कई हिस्सों विशेषकर दिल्ली/एनसीआर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु का दौरा किया और जानकारी इकट्ठा की. इस पूरे ऑपरेशन के दौरान लगातार विभिन्न राज्यों में बड़े पैमाने पर यात्रा की और मोस्ट वांटेड हनीफ शेख के ठिकानों की पहचान करने के प्रयास किए.
स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का गठन 1976 में यूपी के अलीगढ़ में हुआ था. इस संगठन का विचार दार-उल-इस्लाम (इस्लाम की भूमि) की स्थापना करना था, जिसका उद्देश्य 'जिहाद' और 'शहादत' था, लेकिन राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में सिमी कार्यकर्ताओं की संलिप्तता के कारण इस संगठन पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था.
बता दें कि 27 सितंबर,2001 को सिमी के सदस्य दिल्ली के जामिया नगर स्थित अपने मुख्यालय के पास एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे, तभी पुलिस ने छापा मारा और कई सिमी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. कई सिमी कैडर घटनास्थल से भाग गए और फरार हो गए. सिमी मुख्यालय से सिमी पत्रिकाएं (इस्लामिक मूवमेंट), फ्लॉपी में ऑडियो/वीडियो, सिमी पोस्टर, कंप्यूटर, फोटो एलबम के रूप में आपत्तिजनक सामग्री और भड़काने वाला साहित्य बरामद किया था.
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