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राजधानी दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI Airport) पर पासपोर्ट-वीजा में जमकर धांधलेबाजी होती है. इसकी तस्दीक खुद दिल्ली पुलिस के आंकड़े ही करते हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक, बीते डेढ़ साल में (जनवरी 2020 से अगस्त 2021 तक) आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने विशेष धर-पकड़ अभियानों में 99 दलालों-मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क । राजधानी दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI Airport) पर पासपोर्ट-वीजा में जमकर धांधलेबाजी होती है. इसकी तस्दीक खुद दिल्ली पुलिस के आंकड़े ही करते हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक, बीते डेढ़ साल में (जनवरी 2020 से अगस्त 2021 तक) आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने विशेष धर-पकड़ अभियानों में 99 दलालों-मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. इन गिरफ्तारियों की पुष्टि उपायुक्त (डीसीपी) एयरपोर्ट, विक्रम के. पोरवाल खुद भी करते हैं. इसी तरह बीते दिनों चलाए गए विशेष अभियान के तहत, एयरपोर्ट पुलिस ने ऐसे ही कुछ धोखेबाजों को 26-27 अगस्त 2021 को भी गिरफ्तार किया था.
आईजीआई एयरपोर्ट थाना एसएचओ इंस्पेक्टर किशन कुमार, इंस्पेक्टर इंवेस्टीगेशन अनुज कुमार की टीमों ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया, उनके नाम महबूब खान (मुजफ्फरनगर, यूपी), महेश कुमार (गुरूग्राम, हरियाणा) और दिल्ली के ओखला निवासी सैफ बारी पता चले थे. एक साल के भीतर अब तक गिरफ्तार इन ठगों से हुई पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि, यह गैंग शिकार को फर्जी वेबसाइट्स, ईमेल, सोशल मीडिया पर संदेश प्रचारित, प्रसारित करके जाल में फांसता है. गैंग सोशल मीडिया पर विज्ञापन भी इस तरह से करते हैं कि, उन पर किसी को आसान से शक न हो सके.
ऐसे पकड़ में आते हैं मास्टरमाइंड धोखेबाज
डीसीपी के मुताबिक, एयरपोर्ट परिसर और उसके आसपास के इलाके में इस तरह के गैंग को ताड़कर उन्हें दबोचने के लिए कई विशेष टीम 24 घंटे तैनात की गई हैं. इन टीमों का नेतृत्व सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रमेश कुमार को सौंपा गया है. इन विशेष धर-पकड़ अभियान टीमों में सब-इंस्पेक्टर संजीव चौधरी, सहायक उप-निरीक्षक केहर सिंह, हवलदार सुरेश, सिपाही दिनेश और रोहित को हमेशा सादा कपड़ों में तैनात रखा जाता है. दिल्ली पुलिस की यह टीमें दिन-रात एयरपोर्ट इलाके में भीड़ के बीच में घूमती रहती हैं. कई कई दिन और महीनों के इंतजार के बाद इस तरह के जालसाज पुलिस की पकड़ में आ पाते हैं. क्योंकि पुलिस से बचने के लिए यह मास्टरमाइंड भी बेहद सतर्क रहते हैं.
फिर ऐसे खुला जालसाजी का मामला
बीते महीने (26-27 अगस्त 2021 को) ठगी के जिस मामले का भांडाफोड़ हुआ है, उसमें पुलिस को चार ऐसे लोग एयरपोर्ट पर मिले, जिन्हें विदेश से वापस लौटा (Deportee) दिया गया था. इनके नाम थे वसीम, मो. उस्मान, मो. तनवीर और सलमान. ये सभी यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के मूल निवासी थे. चारों यात्री 24 अगस्त 2021 को दिल्ली स्थित IGI एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़कर, Yerevan (Armenia) गए थे. चारों यात्री Republic of Armenia के ई-वीजा के जरिए भारत से Armenia के लिए रवाना हुए थे. चारों के दस्तावेज जब वहां (Armenia) जांचे गए तो वे जाली पाए गए. मालूम चला कि उन चारों के ई-वीजा तक फर्जी हैं. लिहाजा चारों को बैरंग भारत लौटा दिया गया.
पुलिस की गिरफ्त में अपराधी
हमवतन पहुंचते ही हिरासत में लिए गए
अगले दिन जैसे ही चारों डिपोर्ट होकर वापिस भारत (IGI एयरपोर्ट) पहुंचे, चारों से हिंदुस्तानी एजेंसियों ने पूछताछ शुरू कर दी. तब नकली-वीजा पासपोर्ट के इस बड़े गोरखधंधे का भांडाफोड़ हुआ. इन चारों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया. साथ ही उन दलालों की तलाश में भी पुलिस जुट गई, जिन्होंने इन सबको जाली दस्तावेजों की मदद से विदेश भेज दिया था. दलालों को जब गिरफ्तार किया गया, तो उनसे पुलिस को पता चला कि, एक यात्री को विदेश भेजने के नाम पर दलालों ने डेढ़ लाख रुपए के हिसाब से करीब 6 लाख की रकम वसूली थी.
ट्रैवल एजेंटों की काली करतूतें
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार ट्रैवल एजेंट महेश कुमार ने बताया कि वो, दिल्ली के तैमूर नगर में टिकट बुकिंग का बिजनेस करता है. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने तैमूर नगर के ही दूसरे दलाल/ट्रैवल टिकटिंग कारोबारी महबूब खान को भी गिरफ्तार कर लिया गया. जाली वीजा-पासपोर्ट तैयार करने में महबूब खान को महारत हासिल है. IGI एयरपोर्ट पुलिस के मुताबिक, 55 ऐसे दलालों को तो 2020 के अंत तक ही दबोच लिया गया था. जबकि करीब 44 ऐसे दलाल/एजेंट जनवरी 2021 से लेकर अगस्त 2021 तक (8 महीने) गिरफ्तार किए गए.
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