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पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स टीम को मिली बड़ी कामयाबी, नशा कारोबारी गिरफ्तार को एक किलो हेरोइन के साथ किया गिरफ्तार
jantaserishta.com
26 Feb 2022 5:22 PM GMT
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कोलकाता में 6.7 करोड़ रुपये की हेरोइन रखने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है. कोलकाता पुलिस ने स्पेशल टास्क फोर्स की एंटी-एफआईसीएन टीम के सहयोग से शुक्रवार को सेवन टैंक लेन से एक व्यक्ति को रोका. आरोपी की पहचान झारखंड के साहेबगंज निवासी प्राण बसक (46) के रूप में हुई है, उसे शनिवार को एलडी विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस कोर्ट, बिचर भवन कलकत्ता की अदालत में पेश किया जाएगा.
वहीं इससे पहले आज ही कोलकाता में ब्राउन शुगर रखने का मामला सामने आया था. सिलीगुड़ी पुलिस ने कहा कि अवैध रूप से प्रतिबंधित सामग्री की आपूर्ति करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 1.15 करोड़ रुपये की 593 ग्राम ब्राउन शुगर जब्त की गई है.पुलिस के अनुसार, तीन लोगों की पहचान शेखावत बिस्वास, अब्दुल मजीद और आशिम अकरम के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार, सभी आरोपियों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है.
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी वर्ष 2020 के आंकड़ों से यह बात सामने आई है. इसमें कहा गया है कि दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के मुकाबले कोलकाता में वर्ष 2020 में आपराधिक मामलों में काफी कमी आई है.एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले 19 शहरों में से 129.5 के स्कोर के साथ कोलकाता लगातार तीसरे साल भी सबसे सुरक्षित महानगर के तौर पर सामने आया है. 129.5 प्रति एक लाख लोगों पर दर्ज होने वाले अपराधों का आंकड़ा है.
इस सूची में 233 के स्कोर के साथ हैदराबाद दूसरे और 318.5 के साथ मुंबई तीसरे नंबर पर है. 1608.6 के स्कोर के साथ राजधानी दिल्ली सातवें स्थान पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोलकाता में बीते छह वर्षों यानी वर्ष 2014 से आपराधिक मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है. वर्ष 2014 में महानगर में जहां 28,226 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे वहीं 2020 में यह आंकड़ा 18,277 है.
इस दौरान महानगर में हत्या के महज 53 मामले सामने आए. इसके अलावा हत्या के प्रयास के 121 मामले सामने आए जबकि वर्ष 2018 में ऐसे क्रमशः 55 और 143 मामले दर्ज किए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षित राज्यों की सूची में बंगाल आठवें स्थान पर है. राज्य में अपराध की दर 186.6 है जो राष्ट्रीय औसत 478.4 से काफी कम है.रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ दर्ज होने वाले कुल मामलों में से 19,962 यानी आधे से ज्यादा पति के हाथों उत्पीड़न और घरेलू हिंसा से संबंधित हैं. महिला कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य में महिलाओं के जागरूक होने की वजह से ऐसे अधिक से अधिक मामले पुलिस के सामने आ रहे हैं
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