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एक साल पहले हुआ था हमला, अब अदालत के आदेश पर पुलिस पर FIR दर्ज
jantaserishta.com
16 Jan 2023 4:05 AM GMT

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जानें पूरा मामला.
लखनऊ (आईएएनएस)| कुछ पुलिसकर्मियों सहित कई अन्य लोगों द्वारा एक परिवार पर हमला करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के एक साल बाद अदालत के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। घटना 8 जनवरी, 2022 को हुई थी, लेकिन मामला 14 जनवरी, 2023 को दर्ज किया गया था।
पीड़ित दुर्गा प्रसाद त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के कारण स्थानीय पुलिस और डीजीपी/सीपी कार्यालय ने भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। इसके कारण उन्हें अदालत का रुख करना पड़ा, जिसने पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
त्रिवेदी ने अपनी शिकायत में कहा कि कुछ असामाजिक तत्व पुलिस की मिलीभगत से उनके घर के पास की सरकारी जमीन पर कब्जा करना चाहते थे।
जब त्रिवेदी ने उनका कदम का विरोध किया, तो पिछले साल 8 जनवरी को शिव रतन जायसवाल और उनके बेटों विशाल जायसवाल और ऋतिक जायसवाल के नेतृत्व में गुंडे उनके घर में घुस गए और उन्हें, उनकी पत्नी और अन्य सदस्यों को पीटना शुरू कर दिया।
त्रिवेदी ने कहा, हमने पुलिस कंट्रोल रूम को डायल किया और बालागंज पुलिस चौकी प्रभारी अनिल सिंह तोमर के नेतृत्व में एक पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और हमें पुलिस स्टेशन ले जाया गया। एसआई अनिल सिंह और बीट इंचार्ज अशोक सिंह ने हमारा चालान कर दिया। रात में उन्होंने हमें लॉक अप से बाहर निकाला और बेरहमी से पीटा। उनकी पिटाई से मैं बेहोश हो गया।
त्रिवेदी ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया, जिसमें चोटों की पुष्टि हुई।
पीड़ित ने कहा, पुलिस हिरासत में चिकित्सा परीक्षण किया गया था। डॉक्टरों ने एक्स-रे की सलाह दी, क्योंकि मुझे बाएं हाथ में फ्रैक्च र था, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वे अपराध को छिपाना चाहते थे।
उन्होंने बताया किोामले को एसीपी/सीपी, डीजीपी यहां तक कि राज्य मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पीड़ित का आरोप है कि आरोपी अब मुझे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
एडीसीपी, पश्चिम क्षेत्र, चिरंजीव नाथ सिन्हा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

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