जरा सोचिए कि अगर डॉक्टर ने किसी को मृत घोषित कर दिया और उसके परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट भी थमा दिया हो. फिर मृतक को देखने के बाद पता चले कि इसकी सांसें चल रही हैं और दिल भी धड़क रहा है. तो इसे क्या कहा जाएगा. बिहार के धनबाद के अस्पताल से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. धनबाद के असर्फी हॉस्पिटल में एक मरीज के परिजनों ने डॉक्टरों पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो अस्पताल के डॉक्टरों के कारनामे को देख वह भी दंग रह गयी.
दरअसल अस्पताल के डॉक्टर जिस मरीज को मरा हुआ घोषित कर चुके थे, वो सांस ले रहा था. पुलिस ने हंगामा कर रहे परिजनों को पहले शांत कराया. इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया. फिर मरीज को इलाज के लिए SNMMCH भेजा.
परिजनों का कहना है कि 9 दिसंबर को धनबाद के कांड्रा निवासी बिंदु देवी को ब्रेन हेमरेज हुआ था. फिर उन्हें असर्फी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. इसी बीच शुक्रवार को अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को बताया कि उनके मरीज की मौत हो गई है. वो अपने मरीज का शव ले जाएं. यह सुनकर परिजन शव के पास पहुंचे तो शव में हरकत हो रही थी. मरीज की सांसें चल रही थीं, उसका दिल धड़क रहा था और नब्ज भी ठीक थी.
जब यह बात परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को बताई कि मरीज जिंदा है तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया. फिर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अस्पताल प्रबंधन के लोग और डॉक्टर फरार बताए जा रहे हैं.