दिल्ली। शब-ए-बारात के मद्देनजर ITO से दिल्ली गेट तक दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए। वही श्रीनगर की दरगाह हजरतबल दरगाह पर शब-ए-बारात मनाई जा रही है। शब-ए-बारात, जिसे 'माफी की रात' भी कहा जाता है, इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 14वीं और 15वीं रात को मनाई जाती है। साथ ही शब-ए- बारात के मौके पर मरीन लाइंस स्थित बड़ा कब्रिस्तान पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी है।
#WATCH दिल्ली की निज़ामुद्दीन दरगाह में शब-ए-बारात मनाई जा रही है। pic.twitter.com/ku6Na5e568
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 25, 2024
#WATCH जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर की दरगाह हजरतबल दरगाह पर शब-ए-बारात मनाई जा रही है।
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शब-ए-बारात, जिसे 'माफी की रात' भी कहा जाता है, इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 14वीं और 15वीं रात को मनाई जाती है। pic.twitter.com/N1cwrnQKNn
शब ए बारात का रोजा एक नफिल रोजा है यानी रमजान की तरह इस दिन रोजा रखना अनिवार्य नहीं होता। बता दें हर रोज़े की तरह यह रोज़ा भी सुबह होने से पहले शुरू हो जाता है और सूर्यास्त पर खत्म होता है। शब ए बारात पर व्रत रखने वाला व्यक्ति न तो खा सकता है और न ही पी सकता है और न ही किसी भी तरह के गलत काम कर सकता है। यहां जानिए शब-ए-बारात रोजा की सहरी और इफ्तार का समय।
शबे बरात एक इस्लामिक उत्सव है जो मुसलमान लोग मनाते हैं। इस दिन मुसलमान लोग रात में नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। ताकि उनका पूरा साल अच्छा रहे। शबे बरात के दिन कई मुस्लिम रोजा रखते हैं लेकिन रमजान महीने की तरह इस दिन रोजा रखना अनिवार्य नहीं माना गया है। अगर आप इस दिन रोजा रख रहे हैं तो जान लें सहरी और इफ्तार समय।