जहरीली शराब कांड: थानेदार और चौकीदार पर गिरी गाज, निलंबन आदेश जारी
बिहार/छपरा। छपरा जिले में जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. शुक्रवार को 5 और लोगों की जान चली गई. इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए प्रशासन ने मकेर थाने के एसएचओ और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया है. वहीं, पुलिस ने शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने और अवैध शराब का सेवन करने के आरोप में 94 लोगों को हिरासत में लिया है.
छपरा के जिलाधिकारी राजेश मीणा और एसपी संतोष कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मकेर थाना इलाके में 12 लोगों की मौत की मंगलवार को नाग पंचमी के मौके पर जहरीली शराब पीने से हुई है, जिसके बाद कई लोगों की मौतें हुई हैं.
छपरा के डीएम राजेश मीणा ने बताया कि ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में एसएचओ और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया गया है. अगर चौकीदार सतर्क होता तो ऐसी घटना नहीं होती. इन्हीं पुलिसकर्मियों के अधिकार क्षेत्र में जिले के नोनिया टोला गांव में यह घटना हुई थी. जहरीली शराब की घटना में 15 से अधिक लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है और 35 लोगों का अभी भी छपरा और पटना के अस्पताल में इलाज चल रहा है. उधर, अवैध शराब मामले का मुख्य आरोपी रामानंद मांझी घटना के बाद से फरार है. पुलिस ने नोनिया टोला गांव के बाहर करीब 200 मीटर की दूरी पर छापेमारी की थी, जहां मांझी नकली शराब बनाने और बेचने की एक इकाई चला रहा था. छापेमारी में गांव से मिलावटी शराब बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्प्रिट और अन्य सामग्री के साथ 1450 लीटर शराब जब्त की थी.
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जिनकी ढिलाई या मिलीभगत के कारण यह घटना हुई होगी. गौरतलब है कि बिहार में पिछले साल नवंबर से लेकर अब तक जहरीली शराब पीने के कारण 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.