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जासूसी साफ्टवेयर पोगासस पर मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है।
नई दिल्ली, जासूसी साफ्टवेयर पोगासस पर मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है। बजट सत्र से पहले लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए उन्होंने, पेगासस मुद्दे पर सदन को जानबूझकर गुमराह करने के लिए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव शुरू करने की मांग की है। कांग्रेस नेता अधीर चौधरी ने न्यूयॉर्क टाइम्स के उस लेख का भी पत्र में जिक्र किया है, जिसमें ये दावा किया गया कि भारत सरकार ने पेगासस को इजराइल से खरीदा था। वहीं, टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को 'जासूसी साफ्टवेयर पोगासस' के मुद्दे पर पत्र लिखा है। उन्होंने सदन को गुमराह करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।
हालांकि, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विशेषाधिकार प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, विशेषाधिकार प्रस्ताव में कोई दम नहीं है, क्योंकि ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जब जांच चल रही है, तो अभी इसपर किसी को भी कोई टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
दरअसल, न्यूयार्क टाइम्स की एक खबर में ये दावा किया गया था कि भारत सरकार ने 2017 में इजरायल की NSO ग्रुप से जासूसी साफ्टवेयर पोगासस खरीदा था। न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साफ्टवेयर को पांच साल पहले की गई 2 बिलियन डॉलर की डिफेंस डील में खरीदा गया था। इसी डिफेंस डील में भारत ने एक मिसाइल सिस्टम और कुछ हथियार भी खरीदे थे। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार को घेरने में लगी हुई है।
बता दें कि अभी तक ना भारत सरकार ने ये माना है कि उसने पेगासस साफ्टवेयर इजरायल से खरीदा है, और ना ही इजरायली सरकार ने माना है कि उसने भारत को ये जासूसी सिस्टम बेचा है। लेकिन इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद देश में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एक बड़ा मौका हाथ लग गया है। पेगासस एक खतरनाक जासूसी साफ्टवेयर है , जिसे इजरायली कंपनी NSO Group ने बनाया है।
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