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प्रधानमंत्री की सुरक्षा: PM Modi के काफिले में नहीं गए पंजाब के मुख्य सचिव और DGP, प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रहे थे सुरक्षाकर्मी, जानें कैसे बीजेपी के लिए बदलेगा माहौल

jantaserishta.com
6 Jan 2022 4:32 AM GMT
प्रधानमंत्री की सुरक्षा: PM Modi के काफिले में नहीं गए पंजाब के मुख्य सचिव और DGP, प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रहे थे सुरक्षाकर्मी, जानें कैसे बीजेपी के लिए बदलेगा माहौल
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियों को संबोधित करते हैं। कल पंजाब भी वह इसी के लिए पहुंचे थे। हालांकि, उससे पहले पीएम की सुरक्षा में भारी चूक हो गई। इस कारण उन्हें बीच में ही यात्रा रद्द कर दिल्ली आना पड़ गया। फिरोजपुर में होने वाली रैली को भी रद्द करना पड़ गया। रैली भले ही नहीं हुई, लेकिन बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुर्खियों जरूर बटोर लीं।

पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक की गलती आखिर किसकी थी, इसको लेकर अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं है। हालांकि बीजेपी ने अपनी पूरी फौज कांग्रेस और चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार के खिलाफ उतार दी। सोशल मीडिया हो या मीडिया, बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। इस अभियान में भगवा पार्टी को अपने नए नवेले साथी कैप्टन अमरिंदर सिंह और अपने पुराने सहयोगी अकाली दल का भी साथ मिला है। पंजाब में सरकार बनाने की उम्मीदल लगाए बैठे आम आदमी पार्टी ने भी साथ दिया है।


जनता के बीच आज भी लोकप्रिय हैं पीएम मोदी
भाजपा के प्रर्दशन को लेकर देश में लंबी बहस हो सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सामने आज भी लगातार बनी हुई है। हाल के तमाम सर्वे में उनके आसपास भी कोई नहीं ठहरता है। मोदी की लोकप्रियता को भुनाने में बीजेपी भी कोई कसर नहीं छोड़ती है। अब भाजपा की पूरी कोशिश यह होगी कि पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को उनके प्रशंसकों के बीच लेकर जाए और इसका ठीकरा कांग्रेस और पंजाब सरकार पर फोड़े।
पीएम मोदी ने खुद दिखा दी है ट्रेलर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब फिरोजपुर फ्लाईओवर पर बीस मिनट के इंतजार के बाद वापस भटिंडा एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां उन्होंने एयरफोर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के अधिकारियों को एक संदेश दिया, जो कि उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पहुंचाने के लिए कहा गया। पीएम मोदी ने अधिकारियों से कहा, "अपने सीएम को धन्यवाद कहना कि मैं भटिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट पाया।"
BJP ने नहीं की देरी, चन्नी से पूछे सवाल
भाजापा ने बिना देरी किए इस मुद्दे को लपका और चन्नी सरकार पर हमले जारी कर दिए। केंद्रीय मंत्री और पार्टी की वरिष्ठ नेत्री स्मृति ईरानी ने मोर्चा संभाला। उन्होंने सवाल पूछे, 'भाजपा कार्यकर्ताओं और देश को पंजाब में कांग्रेस सरकार से यह सवाल पूछने की जरूरत है कि डीजीपी ने प्रधानमंत्री के काफिले को रूट क्लीयरेंस क्यों दी? पंजाब सरकार में वह कौन है जिसने फ्लाईओवर के ऊपर मौजूद व्यक्तियों को प्रधानमंत्री के मार्ग के बारे में जानकारी दी?'' इसके बाद बीजेपी ने सोशल मीडिया में इसकी कथित क्रोनोलॉजी समझाया।
पंजाब चुनाव में इस मुद्दे को भुनाएगी बीजेपी
पंजाब में भी इसी साल चुनाव होने वाले हैं। यहां बीजेपी बीते पांच साल से सत्ता से दूर है। इन पांच वर्षों में पंजाब की सियासत में काफी कुछ बदला है। अकाली दल ने जहां एनडीए का वर्षों का साथ छोड़ दिया। वहीं, कभी पंजाब में कांग्रेस का चेहरा रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह इन दिनों मोदी और बीजेपी के काफी करीब पहुंच चुके हैं। दोनों के बीच इस चुनाव के लिए गठबंधन भी हो चुका है। कांग्रेस अब कैप्टन के साथ मिलकर पंजाब की सत्ता में वापसी की कोशिश में जुट गई है। ऐसे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
बढ़ सकती है कांग्रेस की मुश्किलें
ऐसे में भाजपा प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को बड़ा मुद्दा बनाती है,तो कांग्रेस की मुश्किल बढ़ सकती हैं। क्योंकि, करीब 38 फीसदी हिंदू मतदाता पहले ही खुद को सियासत में अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ का बयान भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी के रुख से अलग जाखड़ ने ट्वीट कर कहा कि जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है। यह पंजाब और पंजाबियत के खिलाफ है।
अमरिंदर सिंह ने तो कर दी राष्ट्रपति शसन की मांग
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध लगने की खबर के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि चन्नी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है। एक रैली को संबोधित करने के बाद कैप्टन ने मीडिया से कहा, "अगर हमें अपने राज्य को सुरक्षित रखना है और यहां कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, तो मुझे लगता है कि राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।"
क्या है पूरा मामला?
कल सुबह प्रधानमंत्री भटिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। बारिश और खराब विजिबिलिटी के चलते प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। मगर, मौसम में सुधार नहीं होने पर यह तय किया गया कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा करेंगे, जिसमें 2 घंटे से अधिक समय लगेगा। पंजाब पुलिस के महानिदेशक की ओर से आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े।
15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे प्रधानमंत्री
गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। इस कारण प्रधानमंत्री 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। यह उनकी सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी। इस सुरक्षा चूक के बाद प्रधानमंत्री को भटिंडा हवाईअड्डे पर वापस ले जाने का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा में इस गंभीर चूक का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही राज्य सरकार को इस चूक की जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।

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