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PM की सुरक्षा में चूक: एसपीजी ACT के तहत हो सकता है एक्शन, पढ़े पूरी डिटेल्स
jantaserishta.com
7 Jan 2022 4:49 AM GMT
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नई दिल्ली: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद केंद्र सरकार ने राज्य की चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार पर पीएम के रूट की जानकारी को लीक करने का आरोप लगाया है. दरअसल, 5 जनवरी को पीएम मोदी के काफिले को प्रदर्शनकारियों ने 15 से 20 मिनट तक के लिए रोक दिया था. इसके बाद एसपीजी ने उनकी सुरक्षा घेरा को मजबूत कर दिया था. फिर पीएम को बठिंडा एयरपोर्ट ले जाया गया, वहां से दिल्ली. आइए आपको बताते हैं कि एसपीजी कब अस्तित्व में आया और एसपीजी एक्ट क्या है.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में जुटे दस्ते को विशेष सुरक्षा समूह या एसपीजी कहते हैं. इसे एसपीजी एक्ट में "सशस्त्र बल" के रूप में वर्णित किया गया है. एसपीजी एक्ट 1988 में अस्तित्व में आया. यह कैबिनेट सचिवालय के तहत कार्य करता है. इस एक्ट में भारत के प्रधानमंत्री और भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के प्रावधान हैं.
सड़क, रेल, वायुयान, जलयान या पैदल या परिवहन के किसी अन्य साधन से यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्रियों की सामने से सुरक्षा की जाती है. सुरक्षा दस्ता एक से अधिक लेयर में होता है. इसमें राउंड टीमें, आइसोलेशन कॉर्डन जैसी टीम शामिल होती है. उदाहरण के लिए 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में एक राजनीतिक कार्यक्रम में पहुंचे. खराब मौसम के चलते पीएम का हेलीकॉप्टर नहीं उड़ सका. इसके बाद रूट में बदलाव किया गया और पीएम सड़क मार्ग के जरिए निकले. एसपीजी एक्ट के मुताबिक, पीएम के साथ रिंग राउंड टीम, आइसोलेशन कॉर्डन और एक्सेस कंट्रोल टीम मौजूद रही.
केंद्र सरकार के नियंत्रण में है एसपीजी
एसपीजी एक्ट के मुताबिक, एसपीजी केंद्र सरकार के नियंत्रण में रहेगी. एक्ट के नियमों के अनुसार, एसपीजी की कमान एक अधिकारी के पास होगा जिसे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा.
राज्यों को एसपीजी की सहायता करना अनिवार्य
एक्ट में यह भी कहा गया है कि राज्य की सरकारें आवश्यकता पड़ने पर एसपीजी की सहायता करेंगी. यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार या फिर केंद्र शासित प्रदेश के प्रत्येक मंत्रालय, विभाग, स्थानीय या अन्य अथॉरिटी या फिर नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह एसपीजी की सहायता करे.
राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने वाली एसपीजी के वेबसाइट के मुताबिक, एसपीजी अधिकारी उच्च नेतृत्व गुणों वाले होते हैं. साथ ही पीएम के पास और सामने से उनकी सुरक्षा का भी नेतृत्व करते हैं. एसपीजी ने न केवल अपने जरिए बल्कि इंटेलिजेंस ब्यूरो और राज्य या फिर केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस के सहयोग से सुरक्षा व्यवस्था में नए तरीकों को भी अपनाती है.
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