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तमिलनाडु में चुनावी गठबंधन को लेकर संकट में पीएमके

jantaserishta.com
18 March 2024 9:06 AM GMT
तमिलनाडु में चुनावी गठबंधन को लेकर संकट में पीएमके
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चेन्नई: तमिलनाडु के शक्तिशाली वन्नियार समुदाय की राजनीतिक शाखा पीएमके राज्य में गठबंधन के सवाल पर बंटी हुई है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व दो भागों में बंटा हुआ है। एक समूह जो पार्टी के संस्थापक डॉ. एस. रामदास के प्रति निष्ठा रखता है और एआईएडीएमके के साथ चुनावी समझौता चाहता है, तो दूसरा उनके बेटे और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अंबुमणि रामदास के साथ है, जो चाहते हैं बीजेपी के साथ गठबंधन हो।
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक जी.के. मणि सहित नेताओं का एक बड़ा समूह एआईएडीएमके के साथ गठबंधन के पक्ष में है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, अंबुमणि रामदॉस बीजेपी के पक्ष में हैं, क्योंकि ऐसी चर्चा है कि उन्हें अगली केंद्र सरकार में कैबिनेट में जगह दी जाएगी। गौरतलब है कि डॉ. अंबुमणि रामदास अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे।
पीएमके के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि जहां तक तमिलनाडु का सवाल है, पीएमके को अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन से ही फायदा होगा, भाजपा के साथ नहीं। पार्टी के अधिकांश वरिष्ठ नेता इस विचार से सहमत हैं। पीएमके के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, “हमें नहीं पता कि अंबुमणि भाजपा के साथ गठबंधन को क्यों तरजीह दे रहे हैं। दीर्घकालिक नजरिए से पार्टी को अन्नाद्रमुक के साथ गठजोड़ से ही फायदा होगा न कि भाजपा के साथ गठबंधन से। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पीएमके को कई कारकों को ध्यान में रखना होगा और कुछ दिनों में निर्णय लिया जाएगा।'
उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और पीएमके तमिलनाडु में एआईएडीएमके के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में साथ थे।
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. कृष्णन महेश ने आईएएनएस से कहा, ''एक चतुर राजनीतिज्ञ होने के नाते डॉ. रामदॉस नफा-नुकसान का आकलन कर रहे हैं। वह वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्राप्त करके और समुदाय के अधिकारों के लिए खड़े होकर वन्नियार लोगों को मजबूत किया। उनका बहुत सम्मान किया जाता है और पार्टी में उनकी अहम भूमिका है और अंबुमणि डॉ. रामदास के निर्णय को स्वीकार करेंगे।''
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