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PM Security Breach: मामले की जांच कर रही SC की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा को मिली धमकी

jantaserishta.com
17 Jan 2022 8:38 AM GMT
PM Security Breach: मामले की जांच कर रही SC की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा को मिली धमकी
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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक मामले (PM Modi Security Breach) की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी की चेयर पर्सन और पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा (Justice Indu Malhotra ) को धमकी मिली है. ये धमकी उन्हें सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की तरफ से दी गई है. इस संगठन ने धमकी भरे ऑडियो क्लिप जारी किए हैं. धमकी में कहा गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और सिखों में से किसी एक को चुनना होगा. बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को इस मामले में धमकी भरे कॉल आए थे. वकीलों से भी प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा की चूक के मामले से दूर रहने को कहा गया था.

बता दें कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए कमेटी का ऐलान किया था. ये पांच सदस्यीय कमेटी पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में गठित की गई है.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले में ये कोई पहली धमकी नहीं है. पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को खालिस्तान समर्थकों ने जान से मारने की धमकी दी थी. करीब दर्जन भर वकीलों ने दावा किया था कि उनको धमकी भरे कॉल मिले हैं. ये कॉल उन्हें सिख फॉर जस्टिस की ओर से इंग्लैंड के नंबर से आए थे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले में वकीलों को कथित तौर पर मिल रही धमकियों की जांच की मांग की थी.
वकीलों को धमकी दिया गया था कि पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर चल रही सुनवाई में वो हिस्सा न लें. इनका कहना था कि 1984 सिख दंगों और नरसंहार में अब तक भी एक दोषी को सजा नहीं मिली है. लिहाजा इस मामले की सुनवाई नहीं होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने न्यायमूर्ति मल्होत्रा के अलावा राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के महानिदेशक या उनके प्रतिनिधि (जो पुलिस महानिरीक्षक से नीचे की रैंक के नहीं हों), चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक और पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) को समिति का सदस्य बनाया है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल भी इसमें सदस्य हैं और उनसे समिति के समन्वयक के तौर पर काम करने को कहा गया है.
पंजाब के फिरोजपुर में पांच जनवरी को प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर फंस गया था. जिसके चलते वो एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके थे. उन्हें बीच रास्ते से दिल्ली वापस लौटना पड़ा था. केंद्र सरकार ने इस घटना के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया और उससे रिपोर्ट मांगी थी.
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