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PM Security Breach: सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई 5 सदस्यीय समिति ने शुरू की जांच, रैली स्थल का भी लिया जायजा
Deepa Sahu
6 Feb 2022 2:01 PM GMT
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के पंजाब (Punjab) दौरे के दौरान हुई सुरक्षा में चूक मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के पंजाब (Punjab) दौरे के दौरान हुई सुरक्षा में चूक मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति ने जांच शुरू कर दी है. टीम ने रविवार को रैली स्थल का भी जायजा लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पीएम की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की है. इन पांच सदस्यीय कमेटी में NIA के डीजी, पंजाब के डीजी सिक्योरिटी और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी शामिल किया गया है.
कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया है कि वह जांच कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस इंदु मल्होत्रा को पीएम की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराएं. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की पीठ ने पीएम की पंजाब यात्रा के रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के आदेश दिया था.
संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पर सुझाव देगी समिति
जांच समिति सुरक्षा उल्लंघन के लिए कौन जिम्मेदार है इस मुद्दे पर विचार करेगी. इसके अलावा समिति संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पर सुझाव भी देगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इन सवालों को एकतरफा पूछताछ के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है. एक न्यायिक रूप से प्रशिक्षित स्वतंत्र दिमाग द्वारा सुरक्षा मुद्दों से अच्छे तरह से परिचित अधिकारियों और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल जिन्होंने रिकॉर्ड जब्त किया है, उनकी मदद से एक व्यापक रिपोर्ट को प्रस्तुत किया जाएगा.
PM Security Breach: SC-appointed five-member committee begins probe, also investigates rally site
— ANI Digital (@ani_digital) February 6, 2022
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पंजाब और केंद्र सरकार में तकरार
आपको बता दें कि मामले में केंद्र और पंजाब सरकार की ओर से अलग-अलग कमेटी गठित की गई थी. लेकिन दोनों को एक-दूसरे की कमेटी पर भरोसा नहीं था. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. जहां केंद्र ने कहा था मामले में कार्रवाई उसकी जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर की जाए. केंद्र का यह भी कहना था कि वह जांच पूरी कर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप देगी. उसकी समीक्षा करके कार्रवाई की जा सकती है. इस पर पंजाब सरकार ने आपत्ति जताई थी. पंजाब सरकार ने कहा था कि केंद्र की ओर से बनाई गई समिति में एनएसजी व अन्य केंद्रीय अधिकारी भी शामिल हैं, इसलिए उसे उसकी कमेटी पर विश्वास नहीं है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों कमेटियों पर रोक लगाते हुए अपनी तरफ से एक कमेटी गठित करने का फैसला लिया था.
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