भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से संसद भवन में मुलाकात की, देखें तस्वीरें
jantaserishta.com
30 Nov 2021 8:21 AM GMT
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा सांसद एचडी देवेगौड़ा से भेंट की।
Had a great meeting with our former PM Shri @H_D_Devegowda Ji in Parliament today. pic.twitter.com/89is38aUYn
— Narendra Modi (@narendramodi) November 30, 2021
केंद्र ने दिए 6 मंत्र
दुनिया भर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत ने बचाव के लिए प्लान तैयार करने को मंथन शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोरोना के नए वैरिएंट से निपटने के लिए मीटिंग की। इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को 6 सूत्रीय प्लान दिया गया है। केंद्र सरकार का कहना है कि यदि इन नियमों का पालन किया गया तो फिर ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में पता चल सकेगा और उससे निपटना भी आसान होगा। हेल्थ सेक्रेटरी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे टेस्टिंग में इजाफा करें ताकि डिटेक्शन हो सके और केसों का मैनेजमेंट भी किया जा सके।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह वैरिएंट आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट्स को चकमा दे सकता है। ऐसे में उन्होंने कहा कि लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक अब तक देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट का कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया है। लेकिन इससे बचाव के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 6 सूत्रीय प्लान बताया है। इसके तहत कंटेनमेंट जोन तैयार करने, सर्विलांस, टेस्टिंग में इजाफे, हॉटस्पॉट की निगरानी, वैक्सीनेशन के कवरेज में इजाफा और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना शामिल है।
इससे पहले 28 नवंबर को भी केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को खत लिखकर कहा था कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर पूरी निगरानी रखें। ओमिक्रॉन वैरिेएंट का पहला केस दक्षिण अफ्रीका में बीते सप्ताह मिला था और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंताजनक करार दिया है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अब तक देश में ओमिक्रॉन का कोई केस नहीं मिला है और लोगों की ज्यादा से ज्यादा जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है ताकि इसके बारे में पता लग सके। रविवार को ही केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इसके मुताबिक 'ऐट-रिस्क' देशों से आने वाले लोगों के लिए आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा। इसके अलावा कुल 5 फीसदी यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग होगी।
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