दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एससीओ समिट के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन संघर्ष को लेकर कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है. पीएम मोदी के इस बयान की अब अमेरिका जमकर तारीफ कर रहा है.
इंडो-पैसिफिक सिक्योरिटी अफेयर्स के सहायक रक्षा सचिव डॉ एली रैटनर ने एक वर्चुअल राउंड टेबल के दौरान थिंक-टैंक विशेषज्ञों के एक समूह को बताया, "हम पिछले हफ्ते कई गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों से खुश थे." रैटनर ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन संघर्ष का तेजी से शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के साथ खड़ा है और इस मुद्दे से लगातार जुड़ा हुआ है. इनसे पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भी व्हाइट हाउस समाचार सम्मेलन में मीडिया से कहा था कि प्रधानमंत्री ने जो कहा वह एक सैद्धांतिक बयान था, जिसे वह सही मानते हैं. अमेरिका भारत के इस बयान का स्वागत करता है.
21 सितंबर को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में कहा था,'भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है. यह पश्चिम से बदला लेने और उसे पूर्व के खिलाफ खड़ा करने का समय नहीं है. यह वक्त है कि हम सभी संप्रभु राष्ट्र हमारे समक्ष मौजूद चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला करें, उनकी यह बात एकदम सही बात थी.' अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रेस सचिव पैट्रिक राइडर ने स्पष्ट कर दिया कि पुतिन के परमाणु के इस्तेमाल करने की धमकी से यूक्रेन को दी जाने वाली मदद पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
उनके इस बयान के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने जर्मन मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा. मुझे नहीं लगता कि दुनिया उन्हें (पुतिन) परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पुतिन पर निशाना साधते हुए कहा कि रूस लगातार यूक्रेन के एक देश के रूप में बने रहने के उसके अधिकारों को खत्म करने का लक्ष्य बना रहा है. बाइडेन ने सुरक्षा परिषद में वीटो के इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात भी कही है. पुतिन ने कहा था कि पश्चिमी देश रूस को तबाह और कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं. इन देशों ने हद पार कर दी है. इतना ही नहीं पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रूस की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा हुआ, तो वे रूस के पास उपलब्ध सभी संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे. पुतिन ने कहा कि इस चेतावनी को हल्के में लेने की भूल न की जाए.