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हीरे में नक्काशी कर PM मोदी की बना दी तस्वीर, देखें VIDEO...
Shantanu Roy
14 July 2024 1:15 PM GMT
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एग्जीबिशन में दिखाई जा रही झलक
Gujarat. गुजरात। सूरत के हीरा व्यापारी diamond merchant द्वारा हीरे में नक्काशी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर बनाई गई है।
#WATCH गुजरात: सूरत के हीरा व्यापारी द्वारा हीरे में नक्काशी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर बनाई गई है। pic.twitter.com/BmDyR5EcHs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 14, 2024
देश और दुनिया में तराशे जाने वाले 14 हीरे में से 11 हीरे गुजरात के सूरत शहर में तराशे जाते हैं. यही वजह है कि सूरत शहर को डायमंड सिटी कहा जाता है. सूरत शहर में डायमंड का एक एग्जीबिशन चल रहा है. इस एग्जीबिशन में शहर की कई डायमंड कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए हैं. इन्हीं में एक स्टॉल एसके कंपनी ने भी लगाया है. इस स्टॉल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाला डायमंड रखा है, जिसे देखने के लिए लोग उमड़ रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले डायमंड को देखने के लिए गृह राज्य मंत्री हर्ष सिंघवी और शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पानसेरिया भी पहुंचे. सूरत शहर के सरसाना एग्जीबिशन सेंटर में लेब्रोन डायमंड का उत्पादन करने वाली कंपनी एसके डायमंड के मालिक किरन सुथार ने 8 कैरेट के डायमंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लेजर कटिंग के जरिए तैयार की है.
डायमंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर बनाने के लिए कंपनी के कई कर्मचारियों ने 20 से 25 दिन तक मेहनत की और डायमंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर बनाने की शुरुआत हुई थी. शुरू में डायमंड 40 कैरेट का था लेकिन तराशे जाने के बाद डायमंड 8 कैरेट का रह गया.
डायमंड कारोबारी किरन सुथार ने बताया कि वह एसके डायमंड के नाम से डायमंड का कारोबार करते हैं और उनका डायमंड का कारोबार इंडिया में ही उत्पादित होता है और पॉलिशिंग भी इंडिया में ही होता है. हमारा इको फ्रेंडली डायमंड है और प्रधानमंत्री इको फ्रेंडली मेक इन इंडिया का सपना लेकर चलते हैं.
डायमंड कारोबारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति हमारा जो भाव है उसे प्रकट करने के लिए हमने डायमंड के अंदर मोदी जी की तस्वीर बनाई है. इस डायमंड को बनाने में बहुत सी कठिनाई झेलनी पड़ी है, जिस तरह से मोदी जी को अपने काम में कठिनाई झेलनी पड़ती हैं. इस डायमंड को बनाने में करीबन 25 से 30 दिन लगा और 15 से 20 कर्मचारियों ने मेहनत की है.
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