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811वें उर्स के दौरान अजमेर दरगाह पर चढ़ायी गई पीएम मोदी की चादर

jantaserishta.com
25 Jan 2023 10:31 AM GMT
811वें उर्स के दौरान अजमेर दरगाह पर चढ़ायी गई पीएम मोदी की चादर
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जयपुर (आईएएनएस)| ख्वाजा साहब के 811वें उर्स में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चादर चढ़ाई गई। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी दिल्ली से चादर लेकर के अजमेर दरगाह में पहुंचे।
दरगाह में चादर चढ़ाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुलंद दरवाजे पर दरगाह कमेटी के सदर के द्वारा संदेश पढ़ा गया। पीएम ने अपने संदेश में कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 811वें उर्स पर मैं दरगाह अजमेर शरीफ से देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना करता हूं।
बुधवार को ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स के मौके पर दोपहर 12:30 बजे के करीब बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ अजमेर दरगाह में पहुंचे। दरगाह के मुख्य द्वार पर दरगाह कमेटी की ओर से उनका स्वागत किया गया।
बाद में सभी पुलिस के घेरे में प्रधानमंत्री की चादर लेकर दरगाह के अंदर प्रवेश हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चादर और अकीदत के फूल पेश किए गए। चादर पेश कर भाजपा पदाधिकारियों ने देश में अमन चैन शांति भाईचारा बना रहे इसे लेकर के दुआ की है।
इस मौके पर अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी, डिप्टी मेयर नीरज जैन, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सहित भाजपा के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ख्वाजा साहब की मजार पर चादर चढ़ाने के बाद बुलंद दरवाजा स्थित दरगाह कमेटी के सदर शाहिद हुसैन रिजवी ने प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को पढ़कर सुनाया।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 811वें उर्स के अवसर पर विश्व भर में उनके अनुयायियों को बधाई एवं शुभकामनाएं। दुनिया को प्रेम, सौहार्द और बंधुत्व का संदेश देने वाले महान सूफी संत के वार्षिक उर्स पर दरगाह अजमेर शरीफ पर चादर भेजते हुए मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत में विभिन्न पंथों, मान्यताओं और आस्थाओं का सद्भावपूर्ण सह-अस्तित्व हमारे देश की समृद्ध विरासत है। हमारे देश में संतों, पीरों व फकीरों ने शांति, एकता और सद्भावना के पैगाम के जरिए राष्ट्र के सांस्कृतिक ताने-बाने को सदैव मजबूती प्रदान की है।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भारत की महान आध्यात्मिक परंपराओं के प्रतीक हैं। 'गरीब नवाज' द्वारा की गयी मानवता की सेवा निरंतर पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। अनेकता में एकता हमारे देश की खूबसूरती है और सालाना उर्स विभिन्न मान्यता एवं आस्था के लोगों द्वारा इसी भावना को संजोते और सहेजते हुए, इसका उत्सव मनाने का अवसर है। आजादी के अमृत कालखंड में देश सामूहिक सामथ्र्य के जरिए प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे कदम बढ़ा रहा है। मुझे विश्वास है कि सामूहिक सामथ्र्य के जरिए देश प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगा। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 811वें उर्स पर मैं दरगाह अजमेर शरीफ से देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना करता हूं।
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