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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक ऐतिहासिक पहल के तहत एक अक्टूबर यानी शुक्रवार को दो बड़े अभियानों को लॉन्च करने वाले हैं. इसके तहत पीएम मोदी स्वच्छ भारत भारत मिशन-शहरी 2.0 (SBM-U 2.0) और कायाकल्प और शहरी सुधार के लिए अटल मिशन 2.0 ( AMRUT 2.0) का शुभारंभ करेंगे. जानकारी के मुताबिक सुबह 11 बजे डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में दोनों अभियानों को लॉन्च किया जाएगा. बताया जा रहा है कि SBM-U 2.0और AMRUT 2.0 को सभी शहरों को 'कचरा मुक्त' और 'जल सुरक्षित' बनाने के मकसद के साथ तैयार किया गया है. दावा किया जा रहा है कि ये प्रमुख मिशन भारत में तेजी से शहरीकरण की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की दिशा में काम करेंगे. इसके अलावा सतत विकास लक्ष्य 2030 की उपलब्धि में योगदान करने में भी मददगार होंगे. आवास एवं शहरी मामलों के केन्द्रीय मंत्री एवं राज्य मंत्री और राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के शहरी विकास मंत्री भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे.
SBM-U 2.0 सभी शहरों को 'कचरा मुक्त' बनाने और अमृत के अंतर्गत आने वाले शहरों के अलावा अन्य सभी शहरों में धूसर और काले पानी के प्रबंधन को सुनिश्चित करने, सभी शहरी स्थानीय निकायों को ओडीएफ+ और 1 लाख से कम जनसंख्या वाले को ओडीएफ++ के रूप में तैयार करने की परिकल्पना करता है, जिससे शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता के लक्ष्य को पूरा किया जा सके. एसबीएम-यू 2.0 का परिव्यय लगभग 1.41 लाख करोड़ रुपए है.
क्या है AMRUT 2.0 का लक्ष्य
AMRUT 2.0 का लक्ष्य लगभग 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करके लगभग 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज का शत-प्रतिशत कवरेज करना है. इसके साथ ही 4,700 शहरी स्थानीय निकायों में सभी घरों में पेयजल की आपूर्ति का शत-प्रतिशत कवरेज प्रदान करा है. इससे शहरी क्षेत्रों में 10.5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा. अमृत 2.0 सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों को अपनाएगा और सतह और भूजल निकायों के संरक्षण और कायाकल्प को बढ़ावा देगा. शहरों के बीच प्रगतिशील प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए 'पेयजल सर्वेक्षण' आयोजित किया जाएगा.अमृत 2.0 का परिव्यय लगभग 2.87 लाख करोड़ रुपये है.
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी और AMRUT का प्रभाव
SBM-U और AMRUT ने पिछले 7 सालों के दौरान शहरी परिदृश्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.इन दोनों प्रमुख मिशनों ने नागरिकों को जल आपूर्ति और स्वच्छता की बुनियादी सेवाएं प्रदान करने की क्षमता में वृद्धि की है. स्वच्छता आज जन आंदोलन बन गया है. सभी शहरी स्थानीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया है और 70 प्रतिशत ठोस कचरे को अब वैज्ञानिक रूप से संसाधित किया जा रहा है. अमृत 1.1 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन और 85 लाख सीवर कनेक्शन जोड़कर जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटा है, जिससे 4 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे.