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PM मोदी कल भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का करेंगे उद्घाटन
Shantanu Roy
20 July 2024 4:57 PM GMT
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बड़ी खबर
New Delhi. नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 जुलाई 2024 को शाम 7 बजे नई दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी करेंगे। यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले भी उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी। भारत पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेज़बानी कर रहा है। यह 21 से 31 जुलाई, 2024 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होगी। विश्व धरोहर समिति की बैठक साल में एक बार होती है और यह विश्व धरोहर से संबंधित सभी मामलों के प्रबंधन और विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने वाले स्थलों पर निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होती है। इस बैठक के दौरान विश्व धरोहर सूची में नए स्थलों को नामांकित करने के प्रस्ताव, 124 मौजूदा विश्व धरोहर संपत्तियों की संरक्षण रिपोर्ट, विश्व धरोहर निधि की अंतर्राष्ट्रीय सहायता और उपयोग आदि पर चर्चा की जाएगी। बैठक में 150 से अधिक देशों के 2000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग लेंगे।
It’s a matter of immense joy that India is hosting the meeting of the World Heritage Committee in New Delhi. This is the first time our nation is hosting this Committee. I look forward to attending the programme at 7 PM tomorrow evening. This is an important forum to exchange… https://t.co/um3GSzCpmR
— Narendra Modi (@narendramodi) July 20, 2024
विश्व धरोहर समिति की बैठक के साथ-साथ विश्व धरोहर युवा पेशेवरों का मंच और विश्व धरोहर स्थल प्रबंधकों का मंच भी आयोजित किया जा रहा है। इसके अलावा, भारत मंडपम में भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रदर्शनियाँ भी लगाई जाएँगी। खजाने की वापसी प्रदर्शनी में देश में वापस लाई गई कुछ कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। अब तक 350 से अधिक कलाकृतियाँ वापस लाई जा चुकी हैं। इसके अलावा, नवीनतम AR और VR तकनीकों का उपयोग करके, भारत के 3 विश्व धरोहर स्थलों के लिए एक इमर्सिव अनुभव प्रदान किया जाएगा: रानी की वाव, पाटन, गुजरात; कैलासा मंदिर, एलोरा गुफाएँ, महाराष्ट्र; और होयसला मंदिर, हलेबिड, कर्नाटक। साथ ही, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी सभ्यता, भौगोलिक विविधता, पर्यटन स्थलों के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में आधुनिक विकास को उजागर करने के लिए एक ‘अतुल्य भारत’ प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
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