दिल्ली। कल यानि 11 अगस्त को संसद के मॉनसून सत्र का आखिरी दिन है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब दिया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण संसद में होने वाला है। बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी थी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपने नौ वर्षों में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है, हालांकि संख्याबल को देखते हुए प्रस्ताव का विफल होना संभावित दिखाई देता है। इससे पहले, जुलाई, 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इस अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 126 वोट पड़े थे, जबकि इसके खिलाफ 325 सांसदों ने वोट दिया था। इस बार भी अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से तय है क्योंकि संख्याबल स्पष्ट रूप से भाजपा के पक्ष में है और निचले सदन में विपक्षी दलों के 150 से कम सदस्य हैं। लेकिन उनकी दलील है कि वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए धारणा से जुड़ी लड़ाई में सरकार को मात देने में सफल रहेंगे।
वही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा था कि 'जवाहरलाल नेहरू सरकार की भूल' अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने खत्म कर जम्मू कश्मीर से आतंकवाद को समाप्त कर दिया गया है तथा अब वहां कोई एक ''कंकड़'' भी नहीं फेंक सकता। लोकसभा में शाह ने सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि मोदी सरकार 'न हुर्रियत से बात करेगी, न जमीयत से बात करेगी और न ही पाकिस्तान करेगी, लेकिन अगर बात करनी होगी तो घाटी से युवाओं से करेगी जो हमारे अपने हैं।'