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PM मोदी 9 सितंबर को करेंगे शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता, अफगानिस्तान पर होगी चर्चा

Deepa Sahu
6 Sep 2021 3:24 PM GMT
PM मोदी 9 सितंबर को करेंगे शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता, अफगानिस्तान पर होगी चर्चा
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दुनिया के पांच बड़े देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स की शिखर बैठक आगामी गुरुवार (नौ सितंबर) को होने जा रही है।

नई दिल्ली, दुनिया के पांच बड़े देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स की शिखर बैठक आगामी गुरुवार (नौ सितंबर) को होने जा रही है। वर्चुअल तरीके से होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे। बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद की स्थिति इस बैठक का अहम मुद्दा होगा। यह भी संकेत है कि पीएम मोदी बैठक में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठाएंगे।

सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाएगा भारत
भारत की कोशिश होगी कि शिखर बैठक के बाद जारी होने वाले संयुक्त बयान में भी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के बारे में स्पष्ट तौर पर जिक्र हो।विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि यह दूसरा मौका है जब पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसके पहल वर्ष 2016 में गोवा में ब्रिक्स शिखर बैठक हुई थी, जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी ने की थी।
इस हफ्ते गुरुवार को वर्चुअल तरीके से मिलेंगे पांच देशों के प्रमुख
इस बार बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सनारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी शामिल होंगे। बैठक में भारत के एनएसए अजीत डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के प्रेसिडेंट मार्कोस त्रोज्यो, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल के नए अध्यक्ष ओंकार कंवर, ब्रिक्स वूमेन बिजनेस अलायंस की अध्यक्ष डा. संगीता रेड्डी की तरफ से अलग अलग विषयों पर ब्रिक्स देशों के बीच किए गए कामों पर प्रपत्र पेश किए जाएंगे।चार विशेष मुद्दे प्राथमिकता के तौर पर लेने की पेशकश
इस बार की बैठक के लिए भारत ने चार विशेष मुद्दे प्राथमिकता के तौर पर लेने की पेशकश की थी। ये मुद्दे हैं-संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी बहुपक्षीय व्यवस्था में बदलाव, आतंकवाद के खिलाफ ज्यादा कठोर कदम उठाना, संयुक्त राष्ट्र के तहत तय सहस्राब्दि लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल और सदस्य देशों की जनता के बीच मेल-मिलाप को ज्यादा मौका देना। बैठक में कोरोना का मुद्दा भी उठेगा।
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