पीएम मोदी आज प्राकृतिक खेती पर आयोजित सम्मेलन को करेंगे संबोधित
दिल्ली। देश में प्राकृति खेती को बढ़ावा देने पर पूरा जोर दिया जा रहा है. पीएम मोदी खुद देश में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को किसानों के बीच लोकप्रिय करने के लिए इसे एक मुहिम की तरह चला रहे हैं. इसके तहत पीएम मोदी (PM Modi) रविवार को प्राकृतिक खेती पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करेंगे. लगभग साढ़े ग्यारह बजे पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिेए कार्यक्रम में शामिल होंगे. गौरतलब है कि आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsva) के तहत यह कार्यक्रम किया जा रहा है. इसके तहत पीएम मोदी ने मार्च, 2022 में गुजरात पंचायत महासम्मेलन में अपने संबोधन में प्रत्येक गांव में कम से कम 75 किसानों को खेती के प्राकृतिक तरीके को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया था.
प्रधानमंत्री की इस सोच को साकार करने के लिए सूरत जिले ने जिले में किसान समूहों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी), सहकारी समितियों, बैंकों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों और संस्थानों को प्राकृतिक खेती को अपनाने किसानों को प्रेरित करने के लिए एक ठोस और समन्वित प्रयास किया है. नतीजतन, प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 75 किसानों की पहचान की गई और उन्हें प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया गया. किसानों को 90 विभिन्न समूहों में प्रशिक्षित किया गया जिसके परिणामस्वरूप जिले भर में 41,000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. कॉन्क्लेव का आयोजन सूरत, गुजरात में किया जा रहा है और इसमें उन हजारों किसानों और अन्य सभी हितधारकों की भागीदारी देखी जाएगी, जिन्होंने सूरत में प्राकृतिक खेती को एक सफलता की कहानी के रूप में अपनाया है.
प्राकृतिक खेती से किसानों को काफी फायदा होता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इसके जरिए किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलती है. प्राकृतिक खेती में रासायनिक उर्वरक या कीटनशाकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. किसान खेतों में खाद के लिए गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल करते हैं. इससे उपज भी बढ़ती है और इसके उत्पाद भी शुद्ध होते हैं और स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं. प्राकृतिक खेती में कृषि की लागत बेहद ही कम होती है इसलिए इसमें किसानों को अच्छी कमाई हो जाती है.