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स्वामी प्रभुपाद जयंती पर कल पीएम मोदी जारी करेंगे 125 रुपये का स्मारक सिक्का

Kunti Dhruw
31 Aug 2021 1:50 PM GMT
स्वामी प्रभुपाद जयंती पर कल पीएम मोदी जारी करेंगे 125 रुपये का  स्मारक सिक्का
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को 126 का एक विशेष स्मारक सिक्का जारी करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को ₹126 का एक विशेष स्मारक सिक्का जारी करेंगे. प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभा को भी संबोधित करेंगे.पीएमओ ने कहा, समारोह शाम 4.30 बजे शुरू होगा. इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी भी मौजूद रहेंगे. स्वामी प्रभुपाद ने 1966 में न्यूयॉर्क में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की स्थापना की थी जिसे "हरे कृष्ण आंदोलन" के रूप में भी जाना जाता है.

इस्कॉन ने श्रीमद भगवद गीता और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया है, जो प्रसार में एक तारकीय भूमिका निभाते हैं. पीएमओ PMO ने कहा कि स्वामीजी प्रभुपाद ने सौ से अधिक मंदिरों की स्थापना की और कई किताबें लिखीं, जो दुनिया को भक्ति योग का मार्ग सिखाती हैं.



11 साल बाद पूरी दुनिया में हुआ नाम
इस्कॉन की वेबसाइट के अनुसार, यह ब्रह्म माधव गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय का एक हिस्सा है, जो चार वैष्णव संप्रदायों में से एक है और इसलिए महान आध्यात्मिक गुरुओं के एक अधिकृत शिष्य उत्तराधिकार में आता है.वेबसाइट के अनुसार, इस्कॉन के उपदेशों और प्रथाओं को श्री चैतन्य महाप्रभु (1486-1532) ने उनके भाई नित्यानंद प्रभु और उनके छह प्रमुख सहयोगियों के साथ सिखाया था. यह दावा करता है कि इस्कॉन आंदोलन की स्थापना के बाद केवल 11 वर्षों में पूरी दुनिया के प्रमुख शहरों में फैल गया.
सरकार के कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप इस ऐतिहासिक आयोजन का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीधा प्रसारण किया जाएगा. समारोह में भाग लेने के लिए लिंक की डिटेल जल्द ही 125,000 प्रतिभागियों को साझा किया जाएगी.
वहीं कल जन्माष्टमी में इस्कॉन मंदिर में कान्हा की आरती बड़े धूमधाम से की गई. फिलहाल आम भक्तों के लिए तो तो मंदिर बंद थे लेकिन कान्हा के जन्मदिन की खुशियां मंदिर में हर वर्ष की भांति मनाई जा रही है. कान्हा की आरती में कान्हा के भक्त भक्ति में लीन दिखे. कुछ भक्त तो ऐसे थे जो आरती के समय ही नाचने झूमने लगे. भक्त दुनियादारी भूलकर लीन दिखे. इस दौरान भक्ति का रसपान करते हुए खुशी से झूमते नजर आए.


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