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फाइल फोटो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से पांच देशों के समूह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका) के सालाना शिखर सम्मेलन (BRICS summit) की अध्यक्षता करेंगे. विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) ने इस बात की जानकारी दी. इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल होंगे.
वर्चुअल मीट के दौरान तालिबान (Taliban) द्वारा अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल पर कब्जा करने और देश से उत्पन्न होने वाले आतंकी खतरों के बाद की स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) के घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने बताया कि नेता अफगानिस्तान सहित महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे, जिस पर नेताओं द्वारा आतंकवाद से लड़ने की प्राथमिकता को रेखांकित करने की संभावना है. इसमें अफगानिस्तान की जमीन को आतंकवादी संगठनों द्वारा इस्तेमाल करने से रोकना शामिल है, जिससे भविष्य दूसरे देशों पर हमले होने से बचा जा सके.
यह दूसरी बार है जब पीएम मोदी ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) की अध्यक्षता करेंगे. इससे पहले उन्होंने 2016 में गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी. इस साल भारत उस समय ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है. 13वां ब्रिक्स सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में वर्चुअली आयोजित होगा और इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इसे लेकर शुक्रवार को चीन की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई थी.
पीएमओ के मुताबिक इस बैठ में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स विमेन्स बिजनेस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी इस मौके पर शिखर सम्मेलन में उपस्थित राजाध्यक्षों के सामने अपने-अपने दायित्वों के तहत साल भर में किए काम का ब्योरा पेश करेंगे.
भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की थी. ये हैं बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, आतंकवाद का मुकाबला, एसडीजी हासिल करने के लिए डिजिटल और तकनीकी साधनों का इस्तेमाल और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाना. इन क्षेत्रों के अलावा, नेता कोरोना महामारी और अन्य मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों के प्रभाव पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे, विदेश मंत्रालय ने कहा. रूस ने इससे पहले पिछली ब्रिक्स बैठक की मेजबानी की थी.
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