PM मोदी 21-22 नवंबर को 15वें जी-20 शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-22 नवंबर को 15वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह सम्मेलन आभासी तरीके से होगा। इस सम्मेलन की अध्यक्षता सऊदी अरब करेगा। मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा कि आगामी जी20 शिखर सम्मेलन का पूरा ध्यान कोरोना वायरस महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों के पर केंद्रित होगा। जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान नेता महामारी से लड़ने और नौकरियों को बहाल करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करेंगे।
The focus of the upcoming G20 Summit will be on an inclusive, resilient, and sustainable recovery from the COVID-19. During the G20 Summit, the leaders will discuss pandemic preparedness and the ways and means to restore jobs: Ministry of External Affairs https://t.co/OkWeZu8T1c
— ANI (@ANI) November 19, 2020
ऐसी उम्मीदें हैं कि इस शिखर सम्मेलन में जी 20 एक आर्थिक राहत कार्यक्रम पेश कर सकता है। इसके साथ ही जी 20 के द्वारा गरीब देशों के ऊपर कर्ज के बोझ को कम करने की योजना भी पेश किये जाने की उम्मीदें हैं।
हाल ही में भारत में सऊदी अरब के राजदूत सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने कहा था कि 21-22 नवंबर को होने वाली बैठक एक मील का पत्थर साबित होने वाली है। जी 20 के सदस्य इस वर्ष के दौरान दूसरी बार बैठक करने जा रहे हैं। प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकों और नेताओं के शिखर सम्मेलन के साथ जी 20 ने आठ संयुक्त समूहों के काम पर बहुत ध्यान दिया है।
अल सती ने कहा कि सऊदी अरब उस ज्ञान और अनुभव को महत्व देता है, जो भारत ने जी 20 को दिया है। इसके साथ-साथ महामारी से निपटने के लिये दुनिया भर के कई देशों में चिकित्सकीय सामान एवं सामग्री की आपूर्ति बढ़ाने के भारत के उल्लेखनीय प्रयासों को भी सऊदी अरब तवज्जो देता है।
उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में सऊदी अरब की अगुवाई में जी-20 समूह अर्थव्यवस्थाओं और समुदायों, विशेष रूप से सबसे अधिक संवेदनशील वर्ग को मार्गदर्शन प्रदान किया है, ताकि वैश्विक नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था की मदद के लिये एक ठोस बुनियाद तैयार की जा सके।
बता दें कि 1930 के महामंदी के बाद की सबसे खराब वैश्विक मंदी के बीच शक्तिशाली समूह का यह शिखर सम्मेलन हो रहा है। मार्च में एक आभासी शिखर सम्मेलन के बाद जी-20 ने महामारी के प्रभाव को कम करने के लिये वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर से अधिक पूंजी लगाने की घोषणा की थी।
इस बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों तथा समूह के अन्य सदस्य देशों के नेता भाग ले सकते हैं।