भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी एकता पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने विपक्ष पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष बिलकुल दिशाहीन है। आज तक के इतिहास में ऐसा विपक्ष नहीं देखा है।
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से भी की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ इंडिया नाम रखना ही सबकुछ नहीं है। ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम में भी इंडिया था। यहां तक की इंडियन मुजाहिदीन के नाम में भी इंडिया आता है। मगर इसका कोई औचित्य नहीं है। वर्तमान में विपक्ष हताश और बिखरा हुआ दिख रहा है।
संसदीय दल की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को सलाह भी दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम प्रदर्शन करना है। विपक्ष जो कर रहा है उसे करने दें और सांसद व नेता अपने काम पर ध्यान दें। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष लंबे अर्से तक सत्ता में आने के लिए इच्छुक नहीं लग रहा है। उनकी इच्छा सिर्फ विपक्ष में रहने की ही बनी हुई है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत विकसित देश बनाना हमारा उद्देश्य है। केंद्र में जब तीसरी बार एनडीए सत्ता में आएगी तो हम भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। विपक्ष को देश से मतलब नहीं है। विपक्ष खुद दिशाहीन है।
चर्चा के लिए बुलाई थी बैठक
यह बैठक पार्टी सांसदों के साथ महत्वपूर्ण संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। मणिपुर में हिंसा पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा दोनों को सोमवार को स्थगित कर दिया गया। पिछले सप्ताह मानसून सत्र के पहले दो दिनों में इसी तरह का हंगामा हुआ था, जिसके कारण संसद में लगभग शून्य कामकाज हुआ था।
गौरतलब है कि उच्च सदन के सत्र शुरू होने से पहले फ्लोर प्रबंधन रणनीति तैयार करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA.) के सदस्य आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक करेंगे।