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पीएम मोदी ने अपनी मां के बलिदानों और उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को किया साझा

Shiddhant Shriwas
18 Jun 2022 1:31 PM GMT
पीएम मोदी ने अपनी मां के बलिदानों और उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को किया साझा
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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को अपनी मां के 100वें जन्मदिन के मौके उनको समर्पित एक ब्लाग लिखा। इसमें पीएम मोदी ने अपनी मां के बलिदानों और उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को साझा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मां केवल एक शब्द नहीं है। मेरी मां उतनी ही असाधारण है जैसे हर मां होती है। पीएम मोदी कहते हैं कि जब भी वह फोन पर अपनी मां से बात करते हैं मां यही कहती हैं कि देख भाई, कभी कोई गलत काम मत करना...

पीएम मोदी कहते हैं कि दिल्ली आने के बाद मां से मिलना जुलना काफी कम हो गया है। यदा-कदा बस कुछ पलों के लिए मां से मिलना होता है। लेकिन मां के मन में इसे लेकर कोई नाराजगी मैंने आज तक महसूस नहीं किया। मां का स्नेह मेरे लिए वैसा ही है। वह अक्सर पूछती हैं- दिल्ली में अच्छा लगता है? मन लगता है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मां से जब भी फोन पर बात होती है तो यही कहती हैं कि देख भाई, कभी कोई गलत काम मत करना, बुरा काम मत करना, हमेशा गरीब के लिए काम करना। वह कहती हैं कि मेरी चिंता मत किया करो, तुम पर बड़ी जिम्मेदारी है। परिस्थितियां कैसी भी रही हों, गरीबी से जूझते हुए मेरे माता-पिता ने ना कभी ईमानदारी का रास्ता छोड़ा ना ही अपने स्वाभिमान से समझौता किया।

मोदी ने बताया कि उनके जीवन में अब तक केवल दो बार उनकी मां किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में उनके साथ रही हैं। पहली बार जब वह एकता यात्रा के बाद श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराकर लौटे थे तो अहमदाबाद में हुए नागरिक सम्मान कार्यक्रम में मां ने मंच पर आकर उन्‍हें तिलक लगाया था। दूसरी बार मां सार्वजनिक तौर पर पीएम मोदी के साथ तब मौजूद थीं, जब उन्‍होंने मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार शपथ ली थी।

पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि जब पार्टी ने साल 2001 में उन्‍हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चुना तब उनकी मां ने कहा था कि मुझे सरकार में तुम्हारा कामकाज तो समझ नहीं आता लेकिन मैं केवल यही चाहती हूं कि तुम कभी रिश्‍वत नहीं लेना। मां से मिली इस सीख ने एक बेदाग और निर्मल व्‍यक्तित्‍व को गढ़ने का काम किया।

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