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पीएम मोदी ने कहा - आपसी सहयोग में नए मील के पत्थर हासिल करेगी, भारत-इजरायल की दोस्ती के तीस वर्ष पूरे

Khushboo Dhruw
29 Jan 2022 3:48 PM GMT
पीएम मोदी ने कहा - आपसी सहयोग में नए मील के पत्थर हासिल करेगी, भारत-इजरायल की दोस्ती के तीस वर्ष पूरे
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भारत-इजरायल संबंधों के तीस वर्ष पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज का दिन हमारे संबंधों में एक विशेष महत्व रखता है।

नई दिल्‍ली: भारत-इजरायल संबंधों के तीस वर्ष पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज का दिन हमारे संबंधों में एक विशेष महत्व रखता है। 30 साल पहले आज के दिन हमारे बीच डिप्लोमेटिक रिलेशन पूर्ण रूप से स्थापित हुए थे। दोनों देशों के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत हुई थी। ये अध्याय नया था लेकिन हमारे देशों का इतिहास बहुत पुराना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब दुनिया महत्वपूर्ण बदलाव देख रही है, भारत-इजरायल संबंधों का महत्व और भी बढ़ गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दशकों में भारत-इजरायल की दोस्ती आपसी सहयोग में नए मील के पत्थर हासिल करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि हमारे लोगों के बीच सदियों से घनिष्ठ नाता रहा है जैसा कि भारत का मूल्य स्वभाव है कि सैकड़ों वर्षों से हमारा यहूदी समुदाय भारतीय समाज में बिना किसी भेद-भाव के एक सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहा है। उसने हमारी विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत और इजराइल के बीच सहयोग ने दोनों देशों की विकास कहानियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पहले शुक्रवार को भारत और इजराइल के विदेश मंत्रियों ने इजराइल के एक अखबार के 'ऑप-एड' में एक लेख लिखकर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्‍तों की अहमियत बताई। विदेश मंत्री एस जयशंकर और इजराइल के विदेश मंत्री यायर लैपिड ने कहा कि दोनों देशों ने पिछले तीन दशकों से रिश्ते प्रगाढ़ करते हुए सुरक्षा क्षेत्र सहित आम चुनौतियों का समाधान खोजने की दिशा में साथ मिलकर काम किया है। मालूम हो कि भारत ने 17 सितंबर 1950 को इजराइल को एक मुल्‍क के तौर पर मान्यता दी थी। हालांकि देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध 29 जनवरी 1992 को स्थापित हुए थे। जयशंकर और लैपिड ने उक्‍त लेख में लिखा था कि ठीक 30 साल पहले जब भारत और इजराइल के बीच संबंध स्थापित हुए थे तो दोनों पक्षों में उत्सुकता थी। भारत और इजराइल दो प्राचीन सभ्यताएं और दो ऊर्जावान युवा लोकतंत्र हैं। दोनों ही मुल्‍क नवाचार को लेकर खुला नजरिया रखते हैं। दोनों ही अन्य संस्कृतियों के साथ संवाद करने की क्षमता से प्रेरित हैं।

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