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यूरोप के 3 देशों की यात्रा के आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बुधवार शाम को फ्रांस पहुंच गए हैं
PM Narendra Modi in France: यूरोप के 3 देशों की यात्रा के आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बुधवार शाम को फ्रांस पहुंच गए हैं. पेरिस हवाई अड्डे पर उतरने पर उनका फ्रांस (France) की ओर से जोरदार स्वागत किया गया. पीएम मोदी को हवाई अड्डे पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद वे हवाई अड्डे से बाहर निकले, जहां भारतीय मूल के लोगों ने तिरंगे लहराकर उनका वेलकम किया.
राष्ट्रपति मैक्रों से की मुलाकात
पेरिस पहुंचने पर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों से मुलाकात की. इस दौरान मैक्रों की पत्नी भी उनके साथ थीं. दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी, जिसमें दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी.
Je viens d'atterrir à Paris. La France est l'un des principaux partenaires de l'Inde, avec une coopération entre nos nations dans des domaines divers. pic.twitter.com/7lyPtAmnQ9
— Narendra Modi (@narendramodi) May 4, 2022
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा, 'नमस्कार पेरिस. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) फ्रांस की यात्रा पर पेरिस पहुंच गए हैं.' बागची ने कहा कि पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) से मुलाकात कर द्विपक्षीय और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे. दोनों नेताओं के बीच बैठक रणनीतिक साझेदारी के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा तय करेगी.
पिछले हफ्ते मैक्रों के दोबारा फ्रांस (France) का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के उन पहले कुछ नेताओं में शामिल होंगे, जो राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात करेंगे. उन्होंने मैक्रों को फिर से चुने जाने के बाद बधाई दी थी.
मोदी ने ट्वीट करके कहा था, 'मेरे मित्र इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) को फिर से निर्वाचित होने पर बधाई. मैं भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम करना जारी रखने की उम्मीद करता हूं.'
दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 75 साल
पीएम मोदी (Narendra Modi) की यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब यूरोपीय संघ का नेतृत्व फ्रांस (France) कर रहा है. साथ ही यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल हुए हैं. इससे पहले वे अगस्त 2019, जून 2017, नवंबर 2015 और अप्रैल 2015 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा कर चुके हैं.
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों (Emmanuel Macron) ने मार्च 2018 में भारत का दौरा किया था. दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2021 में जी-20 रोम शिखर सम्मेलन, जून 2019 में जी-20 ओसाका शिखर सम्मेलन और दिसंबर 2018 में जी-20 ब्यूनस आयर्स शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की थी.
टर्म जीवन बीमा योजना
भारत और फ्रांस 1998 से रणनीतिक साझेदार हैं. दोनों देशों के बीच रक्षा, असैन्य परमाणु, अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष और समुद्री सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण, आतंकवाद का मुकाबला और लोगों के बीच संबंधों में कई स्तरों की साझेदारी है. भारत और फ्रांस नवंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सीओपी21 में प्रधानमंत्री मोदी की ओर से घोषित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के संस्थापक सदस्य हैं.
भारत और फ्रांस में है मजबूत आर्थिक भागीदारी
दोनों देशों के बीच 7.86 अरब अमरीकी डालर (2020-21) के द्विपक्षीय व्यापार और अप्रैल 2000 से 9.83 अरब अमरीकी डालर के कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के साथ एक मजबूत आर्थिक साझेदारी है. भारत में रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, परामर्श, इंजीनियरिंग सेवाओं और भारी उद्योगों जैसे क्षेत्रों में एक हजार से अधिक फ्रांसीसी काम करते हैं. वहीं फ्रांस (France) में 150 से अधिक भारतीय कंपनियां 7,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती हैं. फ्रांस में रह रहे प्रवासी भारतीय दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को और गहरा करते हैं.
कोपेनहेगन से यहां पहुंचे मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सेन के साथ आर्थिक संबंधों पर चर्चा कर एक व्यापार शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया. उन्होंने वहां भारतीय समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित किया था और साथ ही डेनमार्क के शाही परिवार से भी बातचीत की थी.
डेनमार्क से यात्रा कर पहुंचे पेरिस
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने डेनमार्क यात्रा में बुधवार को दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, जो मुख्य रूप से महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और विकसित वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य पर केंद्रित था. इस शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड और फिनलैंड के प्रधानमंत्रियों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें करके उन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की थी.
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