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पीएम मोदी आज गुजरात दौरे पर, जानें क्यों है खास?

jantaserishta.com
10 Jun 2022 3:33 AM GMT
पीएम मोदी आज गुजरात दौरे पर, जानें क्यों है खास?
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

अहमदाबाद: दक्षिण गुजरात के आदिवासी इलाके में केंद्र सरकार के पार तापी नर्मदा रिवर लिंक प्रोजेक्ट का जमकर विरोध हो रहा है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नवसारी के चिखली में पहुंचेंगे. पीएम मोदी यहां 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास योजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे.

पीएम मोदी नवसारी में ए एम नायक ट्रस्ट की मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन भी करेंगे. लेकिन खास बात ये है कि प्रधानमंत्री जब चिखली में आदिवासियों को लेकर अपना संबोधन देंगे. लेकिन यहां पार तापी नर्मदा रिवर लिंक प्रोजेक्ट के विरोध में जनवरी 2022 से आंदोलन चल रहा है. इतना ही नहीं इस इलाके में कांग्रेस को भी अच्छा समर्थन प्राप्त हुआ है.
रिवर लिंक प्रोजेक्ट को लेकर इन इलाकों में विरोध इतना तेज हुआ था कि पहले इस प्रोजेक्ट के रोकने की घोषणा केंद्र को करनी पड़ी. इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को आदिवासी नेताओं के बीच जाकर प्रोजेक्ट को रद्द करने का ऐलान करना पड़ा.
माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस इलाके के विकास और पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए यहां लोगों को मनाने की कोशिश करेंगे. पीएम मोदी नवसारी, डांग, वलसाड, तापी जिले के लोगों को संबोधित करेंगे. इन चार जिलों की 11 सीटों पर इसका असर पड़ेगा.
गुजरात में 15% आदिवासी वोटर हैं. इनका सीधा असर 27 विधानसभा सीटों पर नजर आता है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इसे अपनी और खींचने के प्रयास में जुटी हैं. इस बार आम आदमी पार्टी भी आदिवासियों की पार्टी बीटीपी के साथ मिलकर कांग्रेस- बीजेपी का खेल बिगाड़ने में जुटी है. आदिवासी वोट बैंक को सालों से कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक माना जाता है.
कांग्रेस ने इसी के चलते इस बार चुनाव के बाद आदिवासी नेता सुखराम राठवा को विपक्ष का नेता बनाया था. हाल ही में कांग्रेस में बीटीपी के युवा नेता राजेश वसावा भी शामिल हुए थे. उधर, बीजेपी ने अपनी नई सरकार में 5 आदिवासी नेताओं को मंत्रिमंडल में स्थान दिया है. साथ में केंद्र सरकार ने सांसद गीताबेन राठवा को BSNL का अध्यक्ष बनाया है. बीजेपी अपनी पार्टी में और सरकार में आदिवासी समाज नेताओं को काफी अच्छे पद देकर आदिवासी वोट को हासिल करने का प्रयास कर रही है.
गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में 27 पर आदिवासियों का प्रभाव है. 2007 में कांग्रेस ने इन 27 में से 14 सीटें और 2012 में 16 सीटें हासिल की थीं. वहीं, 2017 की बात करें तो कांग्रेस को 14 और बीजेपी को 9 सीटें मिली थीं.
गुजरात में पिछले 5 साल में ऐसे कई प्रोजेक्ट हैं, जिसे लेकर आदिवासी समाज बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. दक्षिण गुजरात में तापी नर्मदा रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुआ. हजारों आदिवासी समाज के लोग सड़कों पर आ गए थे. इसके बाद बीजेपी सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के एरिया में आदिवासी गावों की समस्या का अभी भी कुछ निपटारा नहीं आया.
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