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PM मोदी ने विभिन्न देशों की यात्रा से लौटे प्रतिनिधिमंडलों से की मुलाकात

Shantanu Roy
10 Jun 2025 4:01 PM GMT
PM मोदी ने विभिन्न देशों की यात्रा से लौटे प्रतिनिधिमंडलों से की मुलाकात
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New Delhi. नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने आधिकारिक आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर विभिन्न देशों की यात्रा से लौटे भारतीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की। यह बैठक भारत की विदेश नीति, वैश्विक सहयोग, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश की भूमिका को और मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है। प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से विस्तार से उनके अनुभवों, चर्चाओं और उन देशों में हुई महत्वपूर्ण बैठकों के निष्कर्षों के बारे में जानकारी ली।
इन प्रतिनिधिमंडलों में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ, रणनीतिक सलाहकार, और विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने हाल ही में अमेरिका, फ्रांस, जापान, जर्मनी, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों की यात्रा की थी। इन दौरों का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करना, व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा सहयोग, शिक्षा, ऊर्जा, और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ाना था।
बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री को उन देशों में हुए उच्चस्तरीय संवाद, सरकारों, उद्योगपतियों और थिंक टैंक्स से हुई बातचीत के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कई देशों ने भारत के विकास मॉडल, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप इकोसिस्टम, और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की पहल की सराहना की है। विशेष रूप से भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान निभाई गई भूमिका और "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" की सोच ने वैश्विक नेताओं को प्रभावित किया है।


प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि भारत आज वैश्विक मंच पर एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, “भारत की आवाज अब दुनिया में सुनी जा रही है। यह हमारी मजबूत विदेश नीति, हमारे प्रतिनिधियों की मेहनत, और 140 करोड़ भारतीयों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।”
उन्होंने आगे कहा कि ये दौरे सिर्फ कूटनीतिक औपचारिकताएं नहीं हैं, बल्कि यह भारत की वैश्विक छवि को निखारने, मित्र देशों के साथ भरोसे और सहयोग की भावना को मजबूत करने, और भारत की आर्थिक व सामरिक शक्ति को प्रदर्शित करने के अवसर हैं। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि भारत का हित हर बातचीत और हर मंच पर सर्वोपरि रहे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इन यात्राओं के अनुभवों और परिणामों को समेकित कर भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी। इसके तहत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कार्यान्वयन को गति दी जाएगी, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की नीतियों और पहलों का लाभ घरेलू स्तर पर भी देखने को मिले।
प्रधानमंत्री ने युवाओं को भी इस दिशा में आगे आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने में युवा शक्ति की भूमिका निर्णायक होगी। उन्होंने विदेश मंत्रालय और नीति आयोग को यह निर्देश दिया कि अंतरराष्ट्रीय अनुभवों को देश के विकास मॉडल में किस प्रकार शामिल किया जा सकता है, इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। प्रधानमंत्री की इस पहल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सक्रियता, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को दर्शाने वाली एक दूरदर्शी पहल के रूप में देखा जा रहा है। यह बैठक इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब न केवल वैश्विक मामलों में भागीदार है, बल्कि एक निर्णायक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
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