प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के खुर्जा-भाऊपुर सेक्शन की शुरुआत की. उत्तर प्रदेश में मौजूद ये सेक्शन करीब 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन रेलवे को नई पहचान देने वाला है. आजादी के बाद का सबसे बड़ा आधुनिक रेलवे प्रोजेक्ट जमीन पर उतरा है. इस नई मालगाड़ी में नए भारत की गर्जना सुनाई दी. इस पूरे फ्रेट और सेंटर की टेक्नोलॉजी भारत में ही यहां के लोगों द्वारा तैयार की गई.
पीएम मोदी बोले कि आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बन रहा है. पिछले 6 साल में भारत में आधुनिक कनेक्टविटी के मोर्चे पर काम किया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि देश के खेत-बाजार माल ढुलाई पर निर्भर हैं, एक जगह के माल को दूसरी जगह पहुंचाना पड़ता है. आबादी बढ़ने के साथ-साथ बोझ बढ़ने लगा, हमारे यहां यात्री-मालगाड़ी ट्रेन एक ट्रैक पर चलती थी. जिसके कारण दोनों ट्रेनें लेट होती थी. मालगाड़ी लेट होने के कारण लागत बढ़ जाती है, लेकिन अब स्पेशल ट्रैक बनने से ये संकट दूर होगा.
पीएम मोदी ने बताया कि अभी देश में ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर को विकसित किया जा रहा है, ताकि माल एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सके. पीएम ने कहा कि अब यात्री ट्रेन कम लेट होगी, साथ ही मालगाड़ी तेजी से काम करेगी. पीएम मोदी ने कहा कि नए फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के माध्यम बनेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि अब अलग-अलग जिलों को फायदा होगा, जिनके अलग-अलग प्रोडक्ट आसानी से एक जगह से दूसरी जगह जा पाएंगे. पीएम ने कहा कि कल ही देश में सौवीं किसान रेल की शुरुआत की गई है. अब नए कॉरिडोर में किसान रेल को फायदा होगा, यूपी में कई स्टेशन किसान रेल से जुड़े हैं.
पीएम मोदी बोले कि कई रेलवे स्टेशन पर स्टोरेज सिस्टम बढ़िया किया गया है. ऐसे प्रोजेक्ट को 2006 में मंजूरी मिली थी, लेकिन कभी ये जमीन पर नहीं उतर पाया. जो कि पिछली सरकार कितनी गंभीर थी, ये बताता है. 2014 तक एक किमी. ट्रैक भी नहीं बिछा था, हमारी सरकार आने के बाद फिर से फाइलों को खंगाला गया और तेजी से काम को बढ़ाया गया. अगले कुछ महीनों में ही 1100 किमी. का काम पूरा हो जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि पहले फोकस ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर रहता था, लेकिन पटरी का ख्याल नहीं किया गया. हमारी सरकार ने रेल ट्रैक पर निवेश किया, फाटकों से मुक्त किया और स्पीड पर फोकस किया गया. अब भारतीय रेल सुरक्षित हुई है, वंदे भारत जैसी सेमीहाइस्पीड ट्रेन चल रही है. भारत में अब आधुनिक ट्रेनों का निर्माण हो रहा है, जिसे निर्यात भी किया जा रहा है.