हैदराबाद। हैदराबाद में पीएम मोदी ने 'स्टैचू ऑफ़ इक्वालिटी' का उद्घाटन किया। रामानुजाचार्य स्वामी का जन्म तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हुआ था. उनके माता का नाम कांतिमती और पिता का नाम केशवचार्युलु था. भक्तों का मानना है कि यह अवतार स्वयं भगवान आदिश ने लिया था. उन्होंने कांची अद्वैत पंडितों के अधीन वेदांत में शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने विशिष्टाद्वैत विचारधारा की व्याख्या की और मंदिरों को धर्म का केंद्र बनाया. रामानुज को यमुनाचार्य द्वारा वैष्णव दीक्षा में दीक्षित किया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीपैड, समथामूर्ति परिसर और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. मंदिर के चारों ओर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. मुचिन्तल श्रीरामनगरम पुलिस की पूरी निगरानी में है. हवाई अड्डे और श्रीरामनगरम के आसपास के क्षेत्र में कुल 8,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.
श्री रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया था. 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' का उद्घाटन, रामानुजाचार्य की वर्तमान में जारी 1000 वीं जयंती समारोह यानी 12 दिवसीय श्री रामानुज सहस्रब्दी समारोह का एक भाग है.