भारत

पीएम मोदी ने सिख समाज को दिया बड़ा संदेश

Nilmani Pal
22 April 2022 1:13 AM GMT
पीएम मोदी ने सिख समाज को दिया बड़ा संदेश
x

दिल्ली। गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाल किले से देश के नाम संबोधन हुआ था. कार्यक्रम इतना भव्य रखा गया, तैयारी इतनी खास की गई कि हर कोई इसे एक ऐतिहासिक लम्हा बता रहा था. वैसे भी सूर्यास्त के बाद लाल किले से देश को संबोधित करने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री रहे.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि देश निष्ठा के साथ गुरुओं के आदर्शों पर बढ़ रहा है. उनके मुताबिक आज पूरा देश एकजुट होकर इस पर्व पर साथ आया है, सभी एक ही संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी ने जिक्र किया कि इससे पहले 2019 में हमें गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और 2017 में गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का भी अवसर मिला था. मैं इसे हमारे गुरूओं की विशेष कृपा मानता हूं. पीएम ने ये भी कहा कि पटना में पटना साहिब, दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमे हर जगह गुरुओं का आशीर्वाद मिलता है.

संबोधन के दौरान पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि एक समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आ गई थी, तब गुरु तेग बहादुर ने आगे आकर सभी को सही राह दिखाई थी. वे मजहबी कट्टरता की आंधी में चट्टान की तरह डटे रहे थे. इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये भारतभूमि, सिर्फ एक देश ही नहीं है बल्कि हमारी महान विरासत है, महान परंपरा है. इसे हमारे ऋषियों, मुनियों, गुरुओं ने सैकड़ों-हजारों सालों की तपस्या से सींचा है, उसके विचारों को समृद्ध किया है. उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेग बहादुर जी के रूप में दिखी थी. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री द्वारा सिख समाज को भी बड़ा संदेश दिया गया. उन्होंने कहा कि जब अफ़ग़ानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है. CAA के जरिए सिख भाईयों को नागरिकता देने का काम करती है.

अब वैसे तो ये कार्यक्रम सिख गुरु को सम्मान देने के लिए था. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पूरे देश को एक उदेश्य भी दिया गया. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है, हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है. हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है. इस मौके पर पीएम मोदी ने उन कामों का भी जिक्र किया जो उनकी सरकार द्वारा किए गए हैं. मोदी ने कहा कि बड़ी-बड़ी सत्ताएँ मिट गईं, बड़े-बड़े तूफान शांत हो गए, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है, आगे बढ़ रहा है. पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने, साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया. सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं.

वहीं प्रधानमंत्री ने बोला कि आज भी देश उन्हीं सिद्धांतों पर चलता है. भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया. आज भी हम पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचते हैं. हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें पूरे विश्व की प्रगति लक्ष्य का सामने रखते हैं. नई सोच, सतत परिश्रम और शत प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है. इस कार्यक्रम को लेकर खास तैयारी की गई थी. चारों तरफ सिर्फ रौनक नहीं थी बल्कि अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया. जिस समय पीएम मोदी लाल किले से हिन्दू धर्म को बचाने के लिए सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर की अनोखी कुर्बानी का मतलब देश को समझा रहे थे, तब उससे महज़ चार सौ मीटर की दूरी पर चांदनी चौक के उसी ऐतिहासिक शीशगंज गुरुद्वारे में कीर्तन-रागी गुरबाणी पाठ हो रहा था.

वहीं पीएम मोदी के सामने 400 सिख संगीतकारों द्वारा परफॉर्म भी किया गया और एक विशेष लंगर का भी आयोजन हुआ. ऐसे में चारों तरफ सिर्फ भव्यता वाला नजारा था और आस्था का माहौल देखने को मिला. वैसे लाल किले पर बुधवार शाम ही गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत हो गई थी. कल पहले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कार्यक्रम में मौजूद रहे थे. लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में और भव्य कार्यक्रम होता दिखा था. इस खास मौके पर पीएम मोदी द्वारा सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया, ऐसे में हर पहलू से इस अवसर को यादगार बनाया गया.


Nilmani Pal

Nilmani Pal

    Next Story