भारत
G20 के मंच पर पीएम मोदी की दो टूक, स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर कह दी ये बात
jantaserishta.com
31 Oct 2021 2:28 AM GMT
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नई दिल्ली: जी 20 सम्मेलन के लिए इटली गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई को लेकर बड़ा बयान दिया है. पीएम ने एक महत्वकांक्षी ऐलान करते हुए कह दिया है कि अब अगले साल से भारत विश्व के लिए पांच बिलियन वैक्सीन डोज का उत्पादन करेगा.
पीएम मोदी का बड़ा संदेश
अब इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ये जरूरी हो जाता है कि समय रहते दूसरे देश भारत की वैक्सीन को मान्यता दें और कम समय में अप्रूवल सर्टिफिकेट मिले. इसी कड़ी में पीएम मोदी ने कहा है कि आर्थिक रिकवरी के लिए अंतरराष्ट्रीय आवाजाही बढ़ाना आवश्यक है. इसके लिए हमें अलग-अलग देशों के वैक्सीन सर्टिफिकेट्स की परस्पर मान्यता सुनिश्चित करनी ही होगी.
मैं आज जी-20 के इस मंच पर, आप सभी को ये बताना चाहता हूं कि भारत की तैयारी, अगले वर्ष विश्व के लिए 5 billion vaccine doses से भी अधिक के उत्पादन की है. भारत के इस कमिटमेंट से कोरोना के वैश्विक संक्रमण को रोकने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी. इसलिए, ये आवश्यक है कि WHO द्वारा भारतीय vaccines को शीघ्र मान्यता दी जाएनरेंद्र मोदी, पीएम
जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक WHO ने भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है. प्रक्रिया जारी है लेकिन इसमें लगातार देरी हो रही है. अब इस मुद्दे को खुद पीएम मोदी ने जी 20 सम्मेलन में उठा दिया है. उन्होंने एक तरफ पूरी दुनिया की कोरोना काल में बड़ी मदद करने की बात कही है, तो वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन मान्यता वाली प्रक्रिया में तेजी लाने की अपील की है.
वैसे इस मंच के जरिए पीएम ने भारत की कोरोना जंग की भी जमकर तारीफ की. उन्होंने एक तरफ अपने देश की उपलब्धियां बताईं तो वहीं दूसरी तरफ दुनिया को दी गई सहायता की भी जानकारी दी. मोदी ने कहा कि फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड की भूमिका निभाते हुए, भारत ने 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां पहुंचाईं. इसके साथ-साथ हमने वैक्सीन रिसर्च और मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने में भी अपनी पूरी ताकत लगा दी. बहुत कम समय में, हम भारत में एक बिलियन से अधिक वैक्सीन डोज लगा चुके हैं. दुनिया की one sixth आबादी में संक्रमण को नियंत्रित करके भारत ने विश्व को भी सुरक्षित करने में अपना योगदान दिया है, और वायरस के म्यूटेशन की संभावना को भी कम किया है.
अब पीएम ने भारत के प्रयासों की तो तारीफ की है, इसके अलावा पूरी दुनिया को भी दिशा दिखाई. उन्होंने कोरोना काल में पूरी दुनिया को वन अर्थ-वन हेल्थ का नारा दिया. उन्होंने कहा कि विश्व में ऐसे किसी भी संकट से निपटने के लिए, ये विजन विश्व की बहुत बड़ी ताकत बन सकता है. अपने संबोधन में पीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना के दौर में भारत ने खुद को एक भरोसेमंद सप्लाइयर के तौर पर स्थापित किया है. उन्होंने सभी से अपील की कि अपनी इकनोमिक रिकवरी और सप्लाई चेन diversification में भारत को अपना भरोसेमंद पार्टनर बनाएं.
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