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पीएम मोदी ने WHO महानिदेशक को "तुलसी भाई" कहकर सम्बोधित किया

Harrison
17 Aug 2023 2:50 PM GMT
पीएम मोदी ने WHO महानिदेशक को तुलसी भाई कहकर सम्बोधित किया
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गुजरात | विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) के महानिदेशक डा. टेड्रोस घेब्रेयेसस 3 दिवसीय ‘वैश्विक आयुष निवेश एवं नवोन्मेष शिखर सम्मेलन’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत में पहुंचे हैं। गुजरात के गांधीनगर में आयोजित इस कार्यक्रम के उद्घाटन दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें कुछ ऐसा कहा कि वह गदगद हो उठे। PM मोदी ने WHO के महानिदेशक को तुलसी भाई कहकर संबोधित किया तो इस पर उन्होंने खुशी जताई तथा कहा कि 'यह मुझे पसंद आया क्योंकि तुलसी पवित्र और औषधीय पौधा है। अपने संबोधन के चलते पीएम मोदी ने कहा कि तुलसी (पवित्र तुलसी’ या ओसीमम टेनुइफ्लोरम) का पौधा भारतीय आध्यात्मिक विरासत का एकीकृत हिस्सा रहा है।
घेब्रेयेसस ने कार्यक्रम में कहा कि, सभी आय वर्ग के देशों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (पीएचसी) में निवेश करना चाहिए, जो 80 प्रतिशत से ज्यादा सेवाएं प्रदान कर सकता है तथा शुरुआती चरण में महामारी के प्रकोप का पता लगाने में भी सहायता कर सकता है। हाल ही में SARS-CoV-2 वायरस के EG।5 स्ट्रेन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा "Variant of interest" के रूप में वर्गीकृत किए जाने पर, घेब्रेयेसस ने कहा कि "सतर्कता को बरकरार रखना बेहद आवश्यक है।
घेब्रेयसस मीडिया कर्मियों से बातचीत दौरान कहा कि “भारत सरकार द्वारा 'आयुष्मान भारत' में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश सही निवेश है तथा हम सभी देशों से वास्तव में इसी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कह रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं, उच्च आय वाले देशों समेत कई देश कोरोना से आश्चर्यचकित थे। घेब्रेयेसस ने कहा कि समस्या प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश की कमी की वजह से थी। उन्होंने कहा कि 'WHO ने ऐलान के पश्चात् से ही भारत की आयुष्मान भारत पहल का समर्थन किया है क्योंकि उसका मानना ​​है कि देशों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश करना चाहिए।
उन्होंने कहा, यह कुछ ऐसा है जो WHO देशों को बताता रहा है तथा भारत वास्तव में ऐसा कर रहा है"। आयुष्मान भारत, केंद्र की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के दृष्टिकोण को प्राप्त करना है। घेब्रेयसस ने कहा, किसी भी स्वास्थ्य प्रणाली में, "एक मजबूत प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल अहम है क्योंकि 80 प्रतिशक से ज्यादा अधिकांश सेवाएं प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर प्रदान की जा सकती हैं। इतना ही नहीं, "प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में प्रकोप को रोका जा सकता है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर पहले ही इसका पता लगाया जा सकता है", उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश सभी देशों के लिए "सही निवेश है", चाहे वे उच्च, मध्यम या निम्न आय वर्ग में हों।
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