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महिला की जान से खिलवाड़, ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने पेट में छोड़ दी रूई

Nilmani Pal
31 March 2022 3:38 PM GMT
महिला की जान से खिलवाड़, ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने पेट में छोड़ दी रूई
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यूपी। यूपी के कौशांबी (Kaushambi) में निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला की जान से खिलवाड़ किया है. चिकित्सकों ने मोटी कमाई के चक्कर में महिला को किसी अन्य अस्पताल में भर्ती किया गया. फिर दूसरे अस्पताल में उसका बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया. बात इतने से खत्म नहीं हुई, अनट्रेंड चिकित्सकों ने बच्चेदानी का ऑपरेशन कर पेट में रुई छोड़ दिया. उसके बाद पेशाब न होने पर पथरी बताकर उसका दोबारा ऑपरेशन किया.

बावजूद इसके पेशाब के रास्ते में रुकावट बनी ही रही. तीसरी दफा पेशाब के रास्ते में कचड़ा बताकर ऑपरेशन किया गया. लेकिन समस्या का निवारण नहीं हुआ. ऐसे में महिला के परिजनों उसे अस्पताल लेकर गए तो लापरवाह चिकित्सकों ने डपट कर भगा दिया. हालत बिगड़ने पर परिजन अब उसे लखनऊ इलाज के लिए ले जा रहे हैं. इतनी बड़ी लापरवाही उजागर होने के बाद हड़कंप मच गया. आलम यह है कि अब कौशांबी सहित प्रयागराज के किसी भी अस्पताल के चिकित्सक महिला को इलाज के लिए भर्ती करने से इंकार कर रहे हैं.

चित्रकूट जनपद के पहाड़ी थाना अंतर्गत भानपुर गांव निवासी रामकेश की पत्नी सीमा देवी बच्चेदानी में काफी दिक्कत हो रही थी. जांच कराने के बाद चिकित्सकों ने ऑपरेशन की सलाह दिया. परिजन उसे 27 जनवरी 2022 को मंझनपुर के जीवन रक्षा हॉस्पिटल लेकर आए. यहां पर चिकित्सकों ने ऑपरेशन की सारी प्रक्रिया पूरी की और परिजनों से 25 हजार जमा भी करवा लिया. आरोप है कि चिकित्सक बच्चेदानी का ऑपरेशन करने के लिए उसे पास के ही एंजल अस्पताल ले गए. जहां पर चिकित्सकों की टीम ने महिला का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन करने के बाद जब पेशाब की नली निकाली गई तो उस महिला को पेशाब ही नहीं हो रही थी. परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों ने ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में रुई छोड़ दी थी.

चिकित्सकों ने दोबारा अल्ट्रासाउंड करवाया और बताया कि उसकी पेशाब की नली में पथरी है, दोबारा ऑपरेशन करना पड़ेगा. समस्या का समाधान हो इस पर परिजनों ने अपनी सहमति जताई और पथरी का भी ऑपरेशन किया. कुछ दिन बाद जब पेशाब की नली निकाली गई तो फिर से महिला को पेशाब नहीं हो रही थी. ऐसे में एक बार फिर से ऑपरेशन की सलाह दी गई. परिजनों का आरोप है कि उनकी सहमति के बगैर ही महिला का ऑपरेशन किया गया लेकिन पेशाब के रास्ते में रुकावट खत्म नहीं हुई. परिजनों ने बताया कि चिकित्सकों ने उसे प्रयागराज के एक निजी अस्पताल भी ले गए. जांच-पड़ताल कराने के नाम पर अस्पताल में छोड़ दिय और चुपचाप वापस चले आए. परिजनों का कहना है कि उन्होंने मध्यप्रदेश के सतना, चित्रकूट, कौशांबी और प्रयागराज के कई अस्पताल में महिला को लेकर गए. जहां पर हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया.


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