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वन लगाओ-रोजी कमाओ के बेहतर परिणाम

19 Dec 2023 4:40 AM GMT
वन लगाओ-रोजी कमाओ के बेहतर परिणाम
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पंडोह। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की वन लगाओ रोजी कमाओ योजना के दूरगामी परिणाम आज जंगलों में साफ दिखाई दे रहे हैं। 1980 के बाद जंगल खत्म होने लगे थे। पहाड़ की चोटियां नंगी हो रही थीं, तभी पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने 1992 में वनों के विस्तार और संरक्षण के लिए जनसहभागिता अनिवार्य रूप से …

पंडोह। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की वन लगाओ रोजी कमाओ योजना के दूरगामी परिणाम आज जंगलों में साफ दिखाई दे रहे हैं। 1980 के बाद जंगल खत्म होने लगे थे। पहाड़ की चोटियां नंगी हो रही थीं, तभी पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने 1992 में वनों के विस्तार और संरक्षण के लिए जनसहभागिता अनिवार्य रूप से जंगलों को बचाने के लिए एक बड़ी योजना का शुभारंभ किया, जिसका नाम ‘वन लगाओ रोजी कमाओ’ रखा गया। इस योजना में आम लोगों को वनों के साथ जोड़ा गया। मुख्य रूप से युवाओं को वनों से रोजगार के साथ जोड़ते हुए प्रदेश को समृद्धि की ओर बढ़ाया, जिससे युवाओं में वन संपदा को सुरक्षित और विस्तृत करने के अवसर मिले। युवाओं को आर्थिक लाभ के साथ वनों के विस्तार की प्रेरणा भी मिली। 1992 में लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की आलोचना की थी।

आज 30 वर्षों के बाद हम अपने आसपास जो भी जंगल देख रहे हैं, वे सब शांता कुमार की इस योजना का परिणाम है। उदाहरण देते हुए समाजसेवी बीआर भाटिया ने पंडोह वन परिक्षेत्र की पंडोह बीट में वन लगाओ रोजी कमाओ योजना के माध्यम से चार हेक्टेयर वन भूमि पर अखरोट, देवदार, चीड़ आदि का पौधारोपण किया था। पूरे क्षेत्र को तार बाड़ लगाकर पौधों को लगाया और जनसहभागिता से बचाया भी। आज यह एक बड़ा और सुंदर जंगल बन गया है। स्थानीय लोगों को जंगल से मिलने वाले लाभ लकड़ी, घास, इमारती लकड़ी तो मिल ही रहे हैं, वहीं शुद्ध वातावरण और हरियाली देखते ही बन रही है। श्री भाटिया ने कहा कि शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश को महत्त्वपूर्ण योजनाएं देकर विकास की नई गाथाएं लिखी हैं। उनका योगदान हमेशा याद किया जाता रहेगा।

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