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चीन को चौतरफा घेरने का प्लान, पूर्वोत्तर में K-9 हॉवित्जर की होगी तैनाती,

jantaserishta.com
4 Feb 2022 5:00 PM GMT
चीन को चौतरफा घेरने का प्लान, पूर्वोत्तर में K-9 हॉवित्जर की होगी तैनाती,
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नई दिल्ली: भारतीय सेना अब स्वदेशी K-9 वज्र हॉवित्जर को चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात करने की योजना बना रही है. अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए हॉवित्जर तोपों को उत्तराखंड और देश के पूर्वोत्तर राज्यों में तैनात किया जाएगा. लद्दाख सेक्टर में K-9 वज्र हॉवित्जर का सफलतापूर्वक परीक्षण करने के बाद सेना ने यह निर्णय लिया है. सरकारी सूत्रों ने 'आजतक' को यह जानकारी दी है.

सेना ने पिछले साल ही स्वदेशी तोपों को अपने बेड़े में शामिल किया था. यह तोप ऊंचाई वाले इलाकों में 45 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है. इसे ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड होवरक्राफ्ट तोप भी कहते हैं. सूत्र ने बताया कि ऐसी ही 200 और तोपों का ऑर्डर दिया जाएगा और उन्हें चीन के साथ लगी एलएसी के केंद्रीय और पूर्वी क्षेत्रों में तैनात करने की योजना है.
लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कंपनी द्वारा बनाई गईं स्वदेशी तोपें भारतीय सेना की जरूरतों के अनुरूप पूरी तरह से खरी उतरी हैं. गुजरात के सूरत स्थित हजीरा में एल एंड टी के आर्मर्ड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स में K-9 वज्र टी 'ट्रैक्ट सेल्फ प्रोपेल्ड' तोपों को विकसित किया गया है.
L&T ने अपने बयान में कहा कि हर तोप में लगने वाले 13,000 से अधिक पुर्जों की आपूर्ति करीब 1000 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के साझेदारों की मदद से हो रही है, जिनमें से लगभग 150 गुजरात से हैं. कंपनी बिना किसी विदेशी मदद के लिए पूर्ण स्वदेशी युद्धक टैंक विकसित करने में जुटी है. कंपनी ने कहा कि उसने यह स्वदेशी तोप बनाने के लिए अपने हथियार प्रणाली विशेषज्ञों की इन-हाउस टीम की मदद से इंजीनियरों की एक युवा टीम तैयार की और उन्हें दक्षिण कोरिया में हनवा फैसिलिटीज में ट्रेनिंग दिलाई. बता दें कि 'एल एंड टी' ने इन तोपों के लिए दक्षिण कोरियाई कंपनी हनवा कॉर्पोरेशन के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का कॉन्ट्रैक्ट किया है.
तकरीबन 45 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली यह ऑटोमेटिक तोप महज 15 सेकंड में ये तोप दुश्मन पर 3 गोले दाग सकती है. ये तोप 0 रेडियस पर घूमकर वार कर सकती है. इसमें टैकों की तरह ट्रैक भी लगे हैं जिससे मैदानी इलाके में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. कई मामलों में यह बोफोर्स तोप को भी पीछे छोड़ती है. बोफोर्स तोप जहां एक्शन में आने से पहले पीछे जाती है, वहीं K-9 वज्र तोप ऑटोमेटिक है. वहीं, इसमें 5 सैनिकों का क्रू रहता है जो मजबूत बख्तर से महफूज होते हैं.
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