भारत

मछुआरों की नौकाओं को LPG से चलाने की योजना तैयार, पर्यावरण को ध्यान में रखकर तैयार की योजना

jantaserishta.com
27 Feb 2022 1:58 PM GMT
मछुआरों की नौकाओं को LPG से चलाने की योजना तैयार, पर्यावरण को ध्यान में रखकर तैयार की योजना
x
पढ़े पूरी खबर

केरल सरकार ने मछुआरों की नौकाओं को LPG से चलाने की योजना तैयार की है. इसके तहत मछली पकड़ने वाली नौकाओं को एलपीजी से चलने वाले जहाजों में बदला जाएगा. सरकार ने यह योजना पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए तैयार की है. यह पहल केरल राज्य तटीय क्षेत्र विकास निगम (केएससीएडीसी) और केंद्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान (CIFT) ने संयुक्त रूप से शुरू की है. सामाजिक-आर्थिक विकास परियोजना परिवर्तनम के रूप में सरकार इसे शुरू करेगी.

एजेंसी के अनुसार, मत्स्य पालन, हार्बर इंजीनियरिंग और संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने यहां विझिंजम में मछली पकड़ने वाली नौकाओं में एलपीजी के इस्तेमाल की समीक्षा की. मत्स्य विभाग ने कहा कि इस परीक्षण से पता चला है कि एलपीजी का उपयोग करके ईंधन की लागत को 50-55 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है.
विभाग ने कहा कि यह परीक्षण हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के सहयोग से किया गया, जिसने मछली पकड़ने वाली नौकाओं में उपयोग के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया सिलेंडर तैयार किया है. संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने कहा कि परीक्षण से पता चला है कि एलपीजी के उपयोग से लागत कम हो सकती है.
मंत्री ने कहा कि मछुआरों को ईंधन में काफी खर्च करना पड़ता है. पारंपरिक मछली पकड़ने वाली नौकाओं में मिट्टी के तेल और पेट्रोल जैसे एलपीजी ईंधन से लागत में कमी आएगी. HPCL के अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) केंद्र ने पुणे स्थित वनाज़ इंजीनियर्स लिमिटेड के सहयोग से एलपीजी-संचालित आउटबोर्ड इंजनों के लिए एक किट तैयार की है.
परिवर्तनम के सीईओ रॉय नागेंद्रन के मुताबिक, नावों में LPG के इस्तेमाल से पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी. 10 एचपी इंजन द्वारा संचालित एक नाव को एक घंटे के संचालन के लिए आम तौर पर छह से 10 लीटर केरोसिन की आवश्यकता होती है. मिट्टी के तेल जैसे ईंधन की बर्बादी भी अधिक होती है, क्योंकि इसका लगभग 20 प्रतिशत ईंधन समुद्र में बह जाता है. 2.5 किलो एलपीजी से एक नाव एक घंटे तक चल सकती है. मछुआरे बिना किसी अतिरिक्त लागत के किट लगाकर मौजूदा इंजनों का उपयोग कर सकते हैं.
Next Story