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श्रीनगर | जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने की चौथी सालगिरह पर राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चुस्त की गई है। इसी बीच पीडीपी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दावा किया है कि उनके साथ कई अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'पीडीपी के अन्य सीनियर नेताओं के साथ हमें नजरबंद कर दिया गया है। रात में पुलिस ने छापा डाला और हमारे कई नेताओं को थानों में बंद कर दिया। भारत सरकार का सुप्रीम कोर्ट में किया गया दावा झूठा है कि जम्मू-कश्मीर के हालात सामान्य हो गए हैं। पागलपन में उनकी तरफ से की जाने वाली कार्रवाई से यह साफ हो गया है।'
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट के साथ दो तस्वीरें भी शेयर की हैं जिसमें गेट पर लगा ताला देखा जा सकता है। बता दें कि महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने इस मौके पर सेमिनार आयोजित करने की इजाजत मांगी थी। हालांकि प्रशासन ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया था। मुफ्ती ने ट्वीट कर आगे कहा, एक तरफ श्रीनगर में बड़े होर्डिंग लगाकर लोगों से जश्न मनाने को कहा जा रहा है दूसरी तरफ फोर्स के जरिए लोगों के असल सेंटिमेंट को दबाया जा रहा है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसपर संज्ञान लेगा आने वाले दिनों में सुनवाई के दौरान इसे ध्यान में रखेगा।
पीडीपी का दावा है कि प्रशासन ने 370 हटने की चौथी ऐनिवर्सरी पर वह एक कार्यक्रम आयोजित करना चाहती थी लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था। इसके बाद सरकार का दावा है कि राज्य में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है और हालात सामान्य हैँ। आर्टिकल 370 हटने के खिलाफ इस समय सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं पर सुनवाई भी चल रही है।
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Harrison
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