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पंजाब। खतरनाक नस्ल के कुत्तों के काटने से कई लोगों की जान जा चुकी है और कई गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, लेकिन फिर भी लोग खतरनाक नस्ल के कुत्ते पालने से परहेज नहीं करते। ऐसे कुत्तों को पालने का मकसद घर की रखवाली करना कम और लोगों के आगे दिखावा करना ज्यादा होता है कस्बा हरचोवाल के नजदीक गांव बहादुरपुर राजोआ निवासी 85 वर्षीय व्यक्ति को पड़ोसियों द्वारा पाले गए खतरनाक नस्ल के कुत्ते का शिकार बन गया है।
बुजुर्ग के पारिवारिक सदस्यों के मुताबिक जिस कुत्ते ने बुजुर्ग को घायल किया है। वह पिटबुल नस्ल का था और बुजुर्ग को कुत्ते ने इतनी बुरी तरह काटा कि बुजुर्ग को सीएचसी हरचोवाल से गुरदासपुर के सिविल अस्पताल रेफर करना पड़ा कुत्ते ने बुजुर्ग को इस कदर पकड़ लिया था कि पूरे 20 मिनट तक कुत्ते के साथ परिवार को जूझना पड़ा और लाठियां मार कर कुत्ते से बुजुर्ग को छुड़वाया और उसकी जान बचाई लेकीन कुत्ते ने उसके चेहरे, गर्दन, हाथ और टांग पर गहरे घाव कर दिए।
सिविल अस्पताल में जानकारी देते हुए घायल बुजुर्ग छल्ला राम के भतीजे रमन कुमार ने बताया कि उनके ताया जो उनके साथ उनके घर में ही रहते हैं, दोपहर को रोटी खाने के लिए अपनी दुकान से घर आ रहे थे, जब वह घर के नजदीक पहुंचे तो पड़ोसियों द्वारा पाले गए पिटबुल कुत्ते का शिकार बन गए। इस खतरनाक कुत्ते को पड़ोसी ने खुला छोड़ रखा था जबकि यह पहले भी कई लोगों पर हमला कर चुका है।
उन्होंने बताया कि कुत्ता बुजुर्ग छल्ला राम को बुरी तरह से नोच रहा था जब उन्होंने बुजुर्ग के चिल्लाने की आवाज सुनी तो वह और उसकी भाभी शावन्या मौके पर पहुंचे तो देखा की कुत्ते ने उनके ताया को बुरी तरह से पकड़ा हुआ था तबी उन्होंने डंडे मारकर कुत्ते को वहा से भगाया लेकिन तब तक कुत्ते ने उनके ताया को बुरी तरह से घायल कर दिया था। उन्होंने कहा कि उनके घर में कुछ बच्चे भी पढ़ने आते हैं जिन्हें इस कुत्ते से खतरा हो सकता है इसलिए ऐसा खतरनाक कुत्ता रखने वाले पड़ोसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
वही सिविल अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ.भूपेश कुमार ने बताया कि कुत्ते के काटने से बुजुर्ग का चेहरा, गर्दन, हाथ और पैर गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर बुजुर्ग को कुत्ते ने बुरी तरह से नोंचा है और बुजुर्ग के परिजनों के मुताबिक उन्हें पिटबुल कुत्ते ने नोचा है उन्होंने बताया कि कुत्ते ने काफी गहरे जख्म किए हैं इसलिए उनके जख्मों पर एक-एक ही टांका लगाया गया है और मलहम पट्टी कर दी गई है और बुजुर्ग की हालत अब खतरे से बाहर है।
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