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मुलायम सिंह की संघ प्रमुख के साथ तस्वीर, कांग्रेस बोली- "नई सपा" में 'स' का मतलब 'संघवाद' है?

jantaserishta.com
21 Dec 2021 3:07 AM GMT
मुलायम सिंह की संघ प्रमुख के साथ तस्वीर, कांग्रेस बोली- नई सपा में स का मतलब संघवाद है?
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की एक सोफे पर साथ-साथ बैठे तस्वीर सामने आई है. संघ प्रमुख भागवत के साथ मुलायम सिंह की तस्वीर को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसा है. कांग्रेस ने कहा कि नई सपा में 'स' का मतलब 'संघवाद' है?

यूपी विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच सोमवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पोती की शादी के कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत और सपा के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की मुलाकात हुई. तस्वीर में साफ दिख रहा है कि दोनों नेता एक ही सोफे पर बैठे नजर आ रहे हैं. इस मुलाकात ने प्रदेश में सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है.
दरअसल, सोमवार को वाकया उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पोती के शादी समारोह का कार्यक्रम था. विवाह समारोह में देश की तमाम राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं. इसी कार्यक्रम में मोहन भागवत और और मुलायम सिंह यादव एक ही सोफे पर बैठे नजर आए.


संघ प्रमुख से राजस्थान के बीकानेर से बीजेपी के सांसद और संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल हाथ मिलाते दिख रहे हैं तो बगल में मुलायम सिंह सपा की लाल टोपी पहने हुए हैं.
संघ प्रमुख और मुलायम सिंह की यह मुलाकात भले ही एक वैवाहिक समारोह में एक सामान्य मुलाकात मानी जा रही हो, लेकिन अलग-अलग विचारधाराओं से जुड़ी इन हस्तियों की साथ में तस्वीर से सियासी तपिश बढ़ गई है. यूपी कांग्रेस ने अखिलेश यादव के नए नारे नई सपा को लेकर तंज कसते हुए मुलायम-भागवत की तस्वीर के बहाने सपा को संघवाद से जोड़ दिया है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच शह-मात का खेल चल रहा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव इन दिनों बीजेपी के साथ-साथ आरएसएस को भी निशाने पर लेते रहे हैं. ऐसे में मुलायम सिंह यादव की संघ प्रमुख के साथ तस्वीर पर विपक्ष ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं.
कांग्रेस ने सपा के संघ से जोड़कर मुस्लिम वोटों को साधने का दांव चला है, क्योंकि सूबे के सियासी फिजा में इस बार मुस्लिमों का झुकाव अखिलेश यादव की तरफ दिख रहा है. ऐसे में विपक्ष इसे सियासी हथियार के तौर पर सपा के खिलाफ आजमाना शुरू कर दिया है.


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