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25 जुलाई 2001 को दिल्ली में उनके आवास पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
बिहार सरकार में पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी (Bihar Minister Mukesh Sahni) को यूपी के वाराणसी (Varansi) में बड़ा झटका लगा है. यूपी के 18 मंडलों में पूर्व सांसद फूलन देवी की मूर्ति लगवाने की मुकेश सहनी की कोशिश को वाराणसी प्रशासन ने झटका दिया है. वाराणसी प्रशासन ने फूलन देवी की प्रतिमा को जब्त (Idols of Phoolan Devi confiscated) कर लिया है. मुकेश सहनी 25 जुलाई को फूलन देवी की पुण्यतिथि पर यूपी में मूर्ति को स्थापित करवाने वाले थे. इस मामले में अभी तक खुद मुकेश सहनी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ये 18 मूर्तियां बिहार में ही तैयार की गयी हैं और इन्हें यूपी में 18 अलग-अलाग जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. इसी दौरान जब फूलन देवी की एक प्रतिमा वाराणसी पहुंची तो जिला प्रशासन ने उसे जब्त कर लिया. प्रशासन की तरफ से की गई इस कार्रवाई को विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने गलत बताया है. पार्टी के मुताबिक प्रशासन का कहना है कि इस मूर्ति से इलाके का सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा. मिली जानकारी के मुताबिक वाराणसी में इस कार्रवाई के बाद VIP ने अन्य जिलों की मूर्तियों को सुरक्षित स्थान पर रख दिया पार्टी का कहना है कि जिन 18 जिलों में फूलन देवी की मूर्ति लगाई जानी है, वहां पार्टी ने इसे अपनी जमीन पर लगाने का फैसला लिया है. ऐसे में प्रशासन की तरफ से की गई ये रोक द्वेषपूर्ण कार्रवाई है.
मुकेश सहनी के आवास पर ही बनी हैं मूर्तियां
मिली जानकारी के मुताबिक़ सहनी ने अपने 6 स्ट्रैण्ड रोड स्थित सरकारी आवास पर फूलन देवी की दो दर्जन से अधिक मूर्तियां बनवाई थीं. इन मूर्तियों को ट्रकों से यूपी भेजा गया है. सहनी के मुताबिक, ये मूर्तियां वाराणसी, लखनऊ, बलिया, संत कबीरनगर, बांदा, अयोध्या, सुल्तानपुर, गोरखपुर, महाराजगंज, औरैया, प्रयागराज, उन्नाव, मेरठ, मिर्जापुर, संत रविदास नगर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद और जौनपुर में स्थापित की जानी हैं.
निषाद और मल्लाह वोटर हैं निशाने पर
बता दें कि यूपी में निषाद, मल्लाह और कश्यप वोटर्स कुल आबादी का करीब 4% हैं और इनकी संख्या पूर्वांचल में ज्यादा है. ये मूर्तियां लगवाकर VIP के मुकेश सहनी निषाद वोटों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं. सहनी ने अपने मुख्य कार्यक्रम के लिए वाराणसी का चुनाव किया है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले यूपी में अपना कद तलाशने निकले सहनी की नजर खासतौर से पूर्वी और मध्य यूपी के जिलों पर है. यहां के कई जिलों में निषाद वोट बैंक चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है.
फूलन देवी की हत्या का आक्रोश है समाज में
गौरतलब है कि डकैत से राजनेता बनी फूलन देवी की 20 साल पहले हत्या कर दी गई थी. फूलन देवी का जन्म 10 अगस्त 1963 को उत्तर प्रदेश के शेखपुरा पूर्वा में हुआ था. गांव के जाति विशेष के लोगों ने उन्हें प्रताड़ित किया जिसके बाद वे डकैतों के दल में शामिल हो गयी थीं. इन अत्याचारों का बदला लेने के लिए फूलन देवी ने भी 22 लोगों की हत्या कर दी थी.
साल 1983 में इंदिरा गांधी की तत्कालीन सरकार की पहल पर फूलन देवी ने मध्यप्रदेश के भिंड में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. बिना मुकदमा चलाए 11 साल तक जेल में रहने के बाद फूलन देवी को 1994 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने रिहा कर दिया था. 1996 में फूलन देवी ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर सीट से (लोकसभा) चुनाव जीता और वह संसद तक पहुंचीं. 25 जुलाई 2001 को दिल्ली में उनके आवास पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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