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सीटीई के दायरे से बाहर रह सकता है पीजी कोर्स

Bhumika Sahu
22 Jan 2022 6:10 AM GMT
सीटीई के दायरे से बाहर रह सकता है पीजी कोर्स
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Common Entrance Test: कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) को लेकर पता चला है कि इसके दायरे से पीजी कोर्स को बाहर रखा जा सकता है. साथ ही ये परीक्षा पूरी तरह कंप्यूटर आधारित होगी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए प्रस्तावित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है. ऐसा हो सकता है कि पीजी कोर्स में दिया जाना वाला दाखिला इसके दायरे में ना आए. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) (यूजीसी) ने अगले शैक्षणिक वर्ष से सीईटी कराने की योजना बनाई है. शिक्षा मंत्रालय की गुरुवार को केंद्रीय विश्वविद्यालयों (Central Universities) के कुलपतियों के साथ इस मामले में बैठक हुई थी. इससे जुड़ी जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया है कि परीक्षा साल में दो बार आयोजित होने की संभावना है.

यह पता चला है कि विश्वविद्यालय केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया को अपनाने के इच्छुक नहीं हैं. जैसे कि जेईई मेन्स और अडवांस जैसे इंजीनियरिंग कोर्स में (Common Entrance Test). अगले शैक्षणिक वर्ष से ग्रेजुएशन वाले कोर्स में छात्रों को उन अंकों के आधार पर विश्वविद्यालयों में दाखिला दिए जाने की संभावना है, जो उन्होंने प्रवेश परीक्षा में हासिल किए होंगे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि गुरुवार की बैठक के दौरान प्रस्तावित परीक्षा के विभिन्न पहलू सामने आए हैं, लेकिन तौर-तरीकों को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है.
पूरी तरह कंप्यूटर आधारित होगी परीक्षा
यूजीसी की दिसंबर 2020 में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आरपी तिवारी के तहत गठित एक समिति की रिपोर्ट को तमाम मुद्दों को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया जाएगा. इस रिपोर्ट में परीक्षा की रूपरेखा की पूरी जानकारी दी गई है. एक अधिकारी ने पहचान ना बताने की शर्त पर कहा, 'ये परीक्षा पूरी तरह कंप्यूटर आधारित होगी. ऐसा हो सकता है कि इसे साल में दो बार आयोजित किया जाए. लेकिन हमें अभी तक सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सहमति नहीं मिली है, कि क्या वह CU-CET को अपनाना चाहते हैं.'
कोरोना के कारण लागू नहीं हुई योजना
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित होने वाली एक सामान्य प्रवेश परीक्षा की बात कही गई थी. फिर दिसंबर 2020 में यूजीसी द्वारा गठित तिवारी समिति ने सुझाव दिया कि सीयू-सीईटी को 2021-22 शैक्षणिक सत्र से शुरू किया जाए, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यूजीसी ऐसा कर नहीं पाया. अब 2022-23 सत्र से इसे लागू करने की योजना तब सामने आई, जब यूजीसी ने बीते साल 26 नवंबर को केंद्रीय विश्वविद्यालयों के वीसी को परीक्षा आयोजित करने की तैयारी करने के लिए पत्र लिखा.
कौन से विश्वविद्यालय राजी हुए?
दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने कहा है कि आगामी शैक्षणिक सत्र में दाखिला सीयू-सीईटी के माध्यम से होगा. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने अभी तक प्रस्तावित परीक्षा में खुद को शामिल करने की बात नहीं की है. तिवारी समिति ने सिफारिश की थी कि परीक्षा दो भागों में स्नातक स्तर पर आयोजित की जाए. इसमें कहा गया है, सेक्शन-ए एक सामान्य एप्टीट्यूड टेस्ट होगा, जिसमें 50 प्रश्न होंगे, जबकि सेक्शन-बी एक 'डोमेन-स्पेसिफिक टेस्ट' होगा, जिसमें चुने गए विभिन्न विषयों से 30 प्रश्न होंगे.


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